1 फ़र॰ 2009

लंबित पड़ी सीवर लाइन परियोजना के प्रस्ताव पर सूबे की सरकार ने अपनी मुहर लगाई

 

अर्से से लंबित पड़ी सीवर लाइन परियोजना के प्रस्ताव पर सूबे की सरकार ने अपनी मुहर लगा दी है। यह शहर के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी। 163.71 करोड़ रुपए की लागत की परियोजना का निर्माण को लेकर पत्रावली केंद्र को भेजी गई है। जिसकी स्वीकृत मिलने के साथ ही परियोजना की कार्यदायी संस्था जल निगम निर्माण कार्य को अमली जामा पहनाना शुरू करेगा।

शासन से हरी झंडी मिलते ही पालिका प्रशासन ने खाका तैयार करना शुरू कर दिया। नगर पालिका अध्यक्ष अजय अवस्थी ने परियोजना प्रस्ताव स्वीकृत होने की पुष्टि की है। बताया कि मंगलवार को इस बाबत विस्तार से चर्चा की जाएगी।करीब डेढ़ दशक पूर्व तत्कालीन प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह के कार्यकाल में पालिका प्रशासन ने सीवर लाइन परियोजना का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था। जिले के सांसद वीपी सिंह के पद से हटते ही यह योजना खटाई में पड़ गई थी।

हालांकि परियोजना को लेकर कई पार्टियों के नेताओं और पालिका अध्यक्ष ने हाथ पैर मारे लेकिन सफलता नगर पालिका अध्यक्ष अजय अवस्थी के हाथ लगी। जानकारों के मुताबिक शुक्रवार को पालिका अध्यक्ष की मौजूदगी में शासन ने परियोजना में मुहर लगा दी है। पहले चरण में शहर से गुजरने वाली रेलवे लाइन के उत्तरी क्षेत्र में सीवर लाइन का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए संबंधित क्षेत्र को छह ब्लाकों में बांटा गया है। निर्माण में 163.71 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके पूरे होने के बाद शहर के दक्षिणी क्षेत्र में परियोजना निर्माण का प्रस्ताव भेज कर कार्य कराया जाएगा। जल निगम के अधिशासी अभियंता अनूप कुमार सक्सेना ने बताया कि प्रस्ताव स्वीकृति के बाद केंद्र सरकार को पत्रावली भेजी गई है। वहां से मंजूरी मिलते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

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