14 फ़र॰ 2009

यह भी नहीं मालूम कि कितनी दूर और किस स्कूल में परीक्षा देनी है

 

पचपन हजार से अधिक बोर्ड परीक्षार्थियों के साथ इससे बड़ा धोखा और क्या हो सकता है कि परीक्षा शुरू होने के मात्र एक पखवारा बचा है और उन्हें यह भी नहीं मालूम कि कितनी दूर और किस स्कूल में परीक्षा देनी होगी। हाईस्कूल, इण्टर की चार लाख उत्तर पुस्तिकायें राजकीय इण्टर कालेज में डंप हैं। बोर्ड से केन्द्र की अंतिम सूची न मिल पाने के कारण परीक्षा की तैयारियां फाइलों में कैद हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारी भी इस सच पर चुप्पी साध लेते हैं और कहते हैं कि हम क्या कर सकते हैं।

माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल, इण्टर की परीक्षायें दो मार्च से शुरू हो रही हैं। शायद यह पहली बार परीक्षार्थियों के सामने यह स्थिति है कि उन्हें यह नहीं मालूम हो पाया कि किस केन्द्र में परीक्षा देनी है। केन्द्र की सूची को लेकर पिछले दिसम्बर माह से रस्साकसी चल रही है। पहले जिला प्रशासन ने विधायक निधि से दागी विद्यालयों को सूची से हटाया फिर बोर्ड ने जो सूची भेजी उसमें डिबार ही नहीं कई संदिग्ध विद्यालय शामिल कर लिये। मानक तोड़कर बोर्ड की भेजी गयी केन्द्र की सूची फिर सुधार के लिये भेजी गयी जो अभी तक नहीं आयी है। शिक्षा विभाग के सूत्रों की मानें तो सूची मिलने में अभी चार से पांच दिन का समय लग सकता है। आधा दर्जन से अधिक शिक्षा माफिया अंतिम दौर पर अपने विद्यालय का नाम शामिल करवाने के लिये बोर्ड के चक्कर काट रहे हैं। बताते हैं कि यदि दो-चार केन्द्र भी बढ़े व कम हुए तो साठ फीसदी से अधिक स्कूलों के बोर्ड परीक्षार्थियों का केन्द्र आवंटन भी बदल जायेगा।

स्कूलों में छुट्टी हो गयी है। बोर्ड परीक्षार्थी प्रायोगिक परीक्षाओं के बाद घर में ही परीक्षा की तैयारियां कर रहे हैं ऐसे में उन्हें किस केन्द्र में जाकर परीक्षा देनी होगी यह जानकारी न होने से पढ़ाई के साथ एक दिमागी चिंता उन्हें सताये हुए है। बताते हैं कि इस समय स्थिति यह है कि असोथर का केन्द्र ललौली भेजा गया है जो कि चालीस किलोमीटर दूर है। इसी प्रकार कई विद्यालयों में मानक से हटकर छात्राओं को दूसरे विद्यालयों में केन्द्र आवंटित किया गया है जबकि उनका विद्यालय केन्द्र बना है। जिन विद्यालयों में एक हजार की क्षमता है वहां पर दो हजार से अधिक छात्र आवंटित कर दिये गये हैं। इतना ही नहीं न्यूनतम तीन सौ के मानक को तोड़कर बोर्ड ने जिले के दो केन्द्र सौ से कम छात्रों के बना दिये हैं। अनियमितताओं को दूर कर बोर्ड ने नयी सूची जारी करने का मन बनाया है उसमें केन्द्र आवंटन भी बड़े पैमाने पर बदलेंगे। प्रधानाचार्य भी यह कहते हैं कि पहली बार ऐसा हो रहा है जब परीक्षा के पंद्रह दिन रह गये हैं और छात्रों को यह नहीं मालूम की परीक्षा केन्द्र कौन सा है।

केन्द्र निर्धारण तय न होने से बोर्ड परीक्षा की तैयारियां भी फाइलों में कैद हैं। परीक्षा के लिये हाईस्कूल की दो लाख उनचास हजार, इण्टरमीडियेट की एक लाख चालीस हजार उत्तर पुस्तिकायें भेज दी गयी हैं। यह पुस्तिकायें राजकीय इण्टर कालेज के एक कमरे में डंप हैं केन्द्र तय न होने के कारण उत्तर पुस्तिकायें भी परीक्षा केन्द्रों में नहीं पहुंच पा रही हैं। विलम्ब हो जाने की स्थिति पर शिक्षा विभाग उत्तर पुस्तिकायें व प्रश्नपत्र एक साथ भेजने का मन बना रहा है। केन्द्र व्यवस्थापक, कक्ष निरीक्षक नियुक्त करने सहित बोर्ड परीक्षा की अन्य तैयारियां यूं ही पड़ी हुई हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक प्रेम प्रकाश ने कहा कि उनके स्तर से परीक्षा की तैयारियां पूरी हैं। केन्द्र की अंतिम सूची आने के साथ ही उत्तर पुस्तिकायें भिजवाने का काम शुरू कर दिया जायेगा।

2 टिप्‍पणियां:
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  1. तंत्र में ऐसे बदलाव लाने चाहियें जो उसे काम समय पर पूरे करने पर मजबूर कर दें। छात्र, अभिभावक और शिक्षक - सभी को मिलकर आगे आना होगा! देश के भविष्य का सवाल है!

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  2. यह है देश के नये कर्ण्धार, जिन्हे किसी बहाने अपना धन्धा चलाना है इस लिये , यह सब नाटक कर रहे है या करवा रहे है, लेकिन इन्हे लगाम कोन कसेगा??

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