16 फ़र॰ 2009

फतेहपुर:चालीसवां (चेहल्लुम) आज मनाया जा रहा

 

हजरत इमाम हुसेन की शहादत की याद पर चालीसवां (चेहल्लुम) आज मनाया जा रहा है। एक दिन पहले ही बाकरगंज कर्बला से मजलिस के साथ जुलूस अलय निकाला गया जो कदीमी रास्तों से घूमते हुए शाम छ: बजे समाप्त हुआ।

"चेहल्लुम है आज सरबरे आली मुकाम का उरिया है सर रसूले अलय सलाम का " जैसे नौहा ख्वानी के साथ तमाम हजरात जुलूस अलय में शिरकत की। चेहल्लुम जुलूस का 19वां सफर तय करते हुए इमाम बारगाह सैय्यद नवाब याकूब हुसैन से जुलूस चेहल्लुम सैय्यद नजीरुल मोहसिन के जानिब से उठा। सुबह नौ बजे मजलिस में सै. यावर मेंहदी ने कहा कि इमाम हुसैन मोहर्रम की दसवीं पर शहीद हुए थे आज चालीसवें पर हम आज उनके और उनके साथियों की शहादत को एक बार फिर याद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हजरत इमाम हुसैन ने कौम और मानवता के लिए यजीदियों की यातनाएं सही। उन्होंने कहा कि तैयारियां हैं दफ्ने शहीदाने पाक की, मरकद बना है रन में हर एक नेक नाम का।

इस मौके पर गैर जनपदों से आये अंजुमनों ने शिरकत करके नौहा ख्वानी की जुलूस में सीना जनी के साथ नवयुवकों ने मातम का इजहार किया। सड़कों व गलियों में मातमी इजहार करते हुए मोहर्रम के चालीसवें पर इमाम हुसैन की सहादत को बुजुर्ग महिलाओं व युवाओं ने अलग-अलग अंदाज में याद किया।

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