19 दिस॰ 2009

....केवल आम आदमी के चलने वाली ट्रेनें ही कोहरे से प्रभावित होती है

 

रेलवे यात्रियों की मुश्किलें जाड़े के मौसम में ट्रेनों की लेट लतीफी की तरह बढ़ जाती है। इलाहाबाद-कानपुर रेल खंड पर कोहरे के कारण कई जोड़ी ट्रेनें रद्द कर दी जाती है। यह एक ऐसी मुश्किल है जिससे रेलयात्री लगातार जूझ रहे है। इस मुश्किल को खत्म करने के लिये भाकपा और फतेहपुर विकास  मंच की ओर से एक ज्ञापन रेलमंत्री को दिया गया।


जाड़ा आते रेलयात्रियों की मुसीबतें बढ़ने लगी है और हंगामें बाजी भी हर साल की तरह शुरू हो गई है। दैनिक यात्री संघ की ओर से भी अपनी आपत्ति बार-बार दर्ज कराई गई है किंतु कोई लाभ नहीं हुआ है। रोडवेज के बढ़े किराये ने यात्रियों की मुश्किलों में जरूर इजाफा किया है।

कल  दिये गये ज्ञापन में मुसाफिरों की मुश्किलें बयान करते हुये रेलमंत्री से कहा है कि सालों साल यह हो रहा है कि दिसंबर से फरवरी के बीच कोहरे की बात कह कर कई जोड़ी ट्रेनें जो कानपुर इलाहाबाद के बीच दौड़ती है उन्हे रद्द कर दिया जाता है। इससे होता यह है कि आम यात्री के साथ प्रतिदिन यहां से यात्रा करने वाले दो हजार से अधिक दैनिक यात्री भारी मुश्किलों का सामना करते है।

ज्ञापन देने वालों ने कहा है कि.......
........केवल आम आदमी के चलने वाली ट्रेनें ही कोहरे से प्रभावित होती है जबकि इसी रेलखंड में चलने वाली राजधानी, गरीब रथ, सप्त क्रांति, प्रयागराज जैसी ट्रेनें लगातार चलती है इनकी गति को कोहरा प्रभावित नहीं करता है। कहा है कि यह भेदभाव वाली नीति है और समता के सिद्घांत का भी उल्लंघन है जो नहीं होना चाहिये।

यात्रियों ने मांग की है कि अगर ट्रेनें रद्द की जायें तो मुसाफिरों की मुश्किलें कम करने के लिये मेमू ट्रेन चला दी जायें या विकल्प के तौर इंटरसिटी कानपुर इलाहाबाद के बीच प्रतिदिन कई बार चलायी जाये।

(यह ज्ञापन फतेहपुर विकास मंच की तरफ से फतेहपुर ब्लॉग में प्रकाशन हेतु प्रेषित )

9 टिप्‍पणियां:
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  1. देखिये, क्या सुनवाई होती है.

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  2. बात तो विचार करने योग्य है ...!!

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  3. प्रासांगिक सवाल और बेहतर सुझाव।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman. blogspot. com

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  4. सुन्दर ज्ञापन ..
    उधर मालगाडी तेज दौड़ रही है और
    इधर पब्लिक - गाडी गड़बड़ !
    का माजरा है :)

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  5. पता नही कोहरे के कारण यह रद्द होती है या आलसी पने के कारण? देखो शायद सुनवाई हो जाये

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  6. अरे मास्टरजी, आपको नहीं पता चला कि कोहरे ने भी ट्रैफिक पुलिस वालों की तरह जेब गर्म करके खास ट्रेनों को ग्रीन सिग्नल देना शुरू कर दिया है...

    जय हिंद...

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