27 मई 2009

हिन्दी चिट्ठाकारों का आर्थिक सर्वेक्षण


प्रिय ब्लॉगर बंधुओं !!
सादर नमस्कार और अभिवादन स्वीकार करें

पिछले दिनों हिन्दी चिट्ठाकारों के रूप में मन में उनकी आर्थिक हैसियत का आंकलन करने की तमन्ना थी । मन में भाव यह था कि देखा जाए कि किस आर्थिक परिधि से जुड़े हुए लोग हिंदी ब्लॉग्गिंग का हिस्सा बन रहे हैं ?जाहिर है कि यदि हम ब्लॉग्गिंग को अधिकतम जान मानस तक पहुँचाने के आकांक्षी हैं तो यह सर्वेक्षण महत्वपूर्ण परिणाम दे सकता है । तो आइये एक पर्व के रूप में शामिल हो इस सर्वेक्षण के निष्कर्षों का इन्तजार करें !

जाहिर है यह कहने कि आवश्यकता नहीं होनी चाहिए कि यह सर्वेक्षण एक रुझान जानने का ही एक मात्र प्रयास है .....इसके अतिरिक्त और कुछ नहीं?


एक निवेदन और कि इस सर्वेक्षण का प्रत्येक स्तर से प्रचार करके इसमें अधिकतम लोगों की भागीदारी ही सच्चे परिणामो को सुनिश्चित कर सकती है। चलते चलते एक निवेदन और कि लक्ष्य ज्यादा बडे डाटाबेस को प्राप्त करने का है अतः इसे प्राइमरी के मास्टर से बड़े परिदृश्य की आवश्यकता है ।निश्चित रूप से आप मेरा आशय समझ रहे होंगे ।
सर्वेक्षण का -मेल लिंक है इसे अपने ब्लॉगर मित्रो को भेजें ।

सर्वेक्षण को अपने वेब-पेज में दिखाने का लिंक है, इसे कुछ दिनों के लिए अपने वेब पेज में जगह देंतो बड़ी मेहरबानी होगी इस कोड को कॉपी करके अपने ब्लॉग में चिपका दें।


कोड कॉपी करके अपने वेब-पेज या ब्लॉग में चिपकाएँ



26 मई 2009

किसी प्रोग्राम में किसी भाषा में वर्क

आप अगर चाहें तो किसी भी भाषा में काम कर सकते हैं इसके लिए निम्न स्टेप लें start
स्टार्ट = कंट्रोल पैनल - regional एंड लैंग्वेज आपशन -लंगुअगेस- डिटेल- ऐड - जिस लैंग्वेज को ऐड करना हो उसको लिस्ट से ऐड करें
माइक्रोसॉफ्ट वर्ड या किसी प्रोग्राम को ओपन कर -स्टेटस बार से लैंग्वेज को सेलेक्ट करें और टाइपिंग स्टार्ट करें
यहाँ से आप अरबी , रशियन, urdu या दूसरी भाषा में बगैर फॉण्ट के वर्क कर सकते हैं अधिक जानकारी के लिए इस मोबाइल पर संपर्क करें-
९४५०२३५७३७
फतेहपुर कंप्यूटर सेंटर

20 मई 2009

फतेहपुर:पालिका परिषद पहली जून से अपनी वेबसाइट शुरू करने जा रहा

नगर पालिका परिषद पहली जून से अपनी वेबसाइट शुरू करने जा रहा है। इंटरनेट पर एनपीपी फतेहपुर डाट इन (http://nppfatehpur.in) खोलकर कोई भी उपभोक्ता पालिका परिषद क्षेत्र के आवास संबंधित जानकारी हासिल कर सकेगा। इतना ही नहीं परिषद कर्मचारी भी अपनी सेवा से संबंधित जानकारी इंटरनेट पर देख सकेंगे।

इसके लिए परिषद प्रशासन वार्ड वार डाटा फीडिंग का काम तेजी के साथ पूरा कराने में जुटा है।मालूम हो कि ढाई साल पहले पालिका में कंप्यूटर कक्ष स्थापित करके इंटरनेट से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसके लिए शासन से 25 लाख का बजट अवमु1त किया गया था, जिससे आधा दर्जन छोटे कंप्यूटरों के अलावा एक मास्टर कंप्यूटर लगाए गए थे। खूबसूरत से केबिन में यह व्यवस्था करके दरवाजे में ताला बंद कर दिया गया था। दो साल तक ताला बंद रहने के बाद अधिशासी अधिकारी अरुण कुमार गुप्ता ने शासन को लिखकर अतिरिक्त बजट की मांग की। बजट मिलने पर डाटा फीडिंग का काम शुरू कराया गया, जो अब पूरा होने के करीब पहुंच गया है।


नगर पालिका परिषद के सभी 30 वार्ड के उपभो1ताओं के नाम, उनके भवन का क्षेत्रफल, करों की अदायगी और बकाया राजस्व से संबंधित ब्यौरा फीडिंग का काम लगभग पूरा हो चुका है। इतना ही नहीं परिषद कर्मचारियों की सेवा का ब्यौरा और शहरवासियों की जन्म मृत्यु के डाटा फीडिंग का काम पहले पूरा कर लिया गया था।


हालांकि अभी तक फीडिंग का काम ठेकेदार के माध्यम से कराया जा रहा है। काम पूरा होने के बाद ठेकेदार पूरी व्यवस्था नगर पालिका परिषद को हस्तांतरित कर देगा। इसके बाद परिषद कर्मचारी व्यवस्था संभालेंगे। अधिशासी अधिकारी अरुण कुमार गुप्ता का कहना है कि लोकसभा चुनाव के कारण इंटरनेट से जोड़ने में विलंब हुआ है। डाटा फींडिंग का काम हर हालत में 20 मई तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद 30 मई तक इंटरनेट से जोडकर उपभोक्ताओं को यह सुविधा मुहैया करा दी जाएगी।


19 मई 2009

विज्ञान बढ़ा इतना कि दौड़ मच गई पाने की, इच्छाऐं जागी जागी जन जन में भौतिक सामान जुटाने की।

भौतिक विज्ञान बढ़ा इतना कि दौड़ मच गई पाने की, इच्छाऐं जागी जागी जन जन में भौतिक सामान जुटाने की। कैसी रीति यहां पर आई अपने को बड़ा दिखाने की.. साठ बरस के बाद भी आजादी की करूण कहानी है.. आजादी के मूल्यों की मिटती जा रही निशानी है।

...... जैसी मर्मस्पर्शी पंक्तियां लिखने वाले साहित्यकार साहित्य भूषण कृपाशंकर शुक्ल मानते हैं कि हमारे सामाजिक संबंधो में जो गिरावट आई वह हमारी संस्कृति और हमारे सामाजिक ढांचे की बुनियाद को खोखला कर रही है। आज साहित्य भी समाज में प्रखरता के साथ अपनी भूमिका निर्वाह नहीं कर पा रहा है। कारण कि साहित्य अपने संस्कार इसी समाज से ग्रहण करता है और समाज साहित्य का दर्पण है तो साहित्य वही दिखायेगा जो वहां घटित हो रहा है। हम पश्चिम की नकल करके अपने सामाजिक संबंधों की गरिमा और पारिवारिक परंपरा की महिमा को नहीं बचा पायेंगे। हम क्या थे और क्या हो गये। हमारी चेतना, जागरूकता और स्वाभिमान का स्तर यही रहा तो अभी और क्या होंगे।

देश प्रेम के साथ समाज सेवा के लिये अपनी लेखनी चलाने वाले लेखक श्री शुक्ल का कहना था कि कविता, कहानी, उपन्यास, निबंध आदि के माध्यम से अपनी अंर्तव्यथा को व्यक्त करता हूं। अपनी नव रचना "भारतीय समाज अतीत और वर्तमान" पुस्तक में उन्होंने हमारे समाज के बीते हुये समय और आज के समय को देख कर हुये बदलावों पर अपनी नजर डाली है। समाज की कमियों और भविष्य की संभावनाओं का सहज ही पता चलता है इस कृति को पढ़ते हुये। लेखक ने अपनी रचना में साहित्यक, शैक्षिक, वैज्ञानिक, तकनीकी, औद्योगिक और आर्थिक समृद्धि के प्राचीन राष्ट्रीय गौरव की अनेकानेक उपलब्धियों को उद्धृत करते हुये धीरे धीरे राष्ट्र के रसातल में पहुंचने और विचार शून्यता की स्थिति तक पहुंचने के हालातों तक नजर डाली है।

लेखक कृपाशंकर शुक्ल जो कि एक अध्यापक रहे है और उसी गुरू दृष्टि से जब उन्होने इस देश समाज को देखा तो इसकी विद्रूपताओं से व्यथित हो उठे इसके बाद आकुल अंतर में जन्मी पीड़ा कलम से बह निकली। और जो कि साहित्य की लगभग हर विधा में बही। वह बताते है कि आकुल अंतर में जब-जब पीड़ा घनीभूत होती रही तभी कुछ कुछ उमड़ पड़ा।

प्रदेश सरकार द्वारा साहित्य भूषण सम्मान से नवाजे जा चुके इस वरिष्ठं चिंतक ने, जिन्होने अध्यापन से अवकाश ग्रहण करने के बाद एक हिंदी पाक्षिक पत्रिका का संपादन, प्रकाशन कर भारत भारती की सेवा करते हुये साहित्य सृजन द्वारा समाज सेवा करने के साथ समाज को दिशा देने का कार्य स्वीकार कर अपने सरोकारों के प्रति अपनी लगन जताई। उन्होने अंतर्व्यथा, नारी,काव्य संग्रह देने के साथ काशी की कविता, राष्ट्र के प्रेम गीत, पूर्वाचल की माटी, चुनल गीत जिसमें भोजपुरी गीतों का संकलन है, आदि काव्य संकलनों का संपादन किया। वैचारिकी नाम से निबंध संग्रह और चालीस साल बाद नाम का लघु उपन्यास भी दिया। समाज के लिये सर्मपित मैं और मेरा जीवन जैसी रचनायें देकर साहित्य को समृद्घ किया है। बातचीत के क्रम में उन्होंने पुस्तक पठन के प्रति बढ़ रही अरूचि पर चिंता जताई और कहा कि इससे संस्कार हीनता तो बढ़ ही रही है साथ ही समाज से कुछ सीख पाते हैं दे पाते है।





18 मई 2009

फतेहपुर:बार-बार पूंछताछ कक्ष की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी

रेलवे स्टेशन में यात्रियों को अब अपनी गाड़ी की तात्कालिक स्थिति जानने के लिये बार-बार पूंछताछ कक्ष की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। प्लेटफार्मों में लगायी गयी डिस्प्ले स्क्रीन में सब कुछ लिखकर नजर आता रहेगा।

स्टेशन में सुविधाओं में बढ़ोत्तरी हो रही है। जब से स्टेशन की श्रेणी उच्चीकृत करने का फैसला हुआ है तब से सुविधाएं बढ़ रही हैं। डिस्प्ले स्क्रीन की सुविधा मिल जाने से यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी। रेलवे सूत्रों ने बताया कि तीनों प्लेटफार्म और यात्री प्रतीक्षालय में यह सूचना पट्टिकाएं लगायी गयी हैं जिससे कि यात्री जहां खड़े हैं वहीं पर अपनी सवारी गाड़ी की तात्कालिक स्थिति जान सकें। इन सूचना पट्टिकाओं में उन सभी ट्रेनों की लोकेशन की जानकारी लगातार यात्रियों को दी जाती रहेगी।




फतेहपुर: लोकसभा चुनाव परिणाम ... एक नजर

समाजवादी पार्टी ने फतेहपुर संसदीय सीट पर पहली बार अपना परचम लहराया। सपा के राकेश सचान ने 52 हजार 228 वोटों से बसपा के निवर्तमान सांसद महेंद्र निषाद को शिकस्त देकर पंद्रहवीं लोकसभा के चुनाव में विजयश्र्री हासिल करने में सफलता हासिल की। भाजपा प्रत्याशी तीसरे और कांग्रेस 6मीदवार चौथे स्थान पर रहे। पराजित होने के बावजूद जहां बसपा प्रत्याशी जमानत बचाने में सफल रहे वहीं भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों की जमानत भी नहीं बच पाई। अंतिम 23 चक्रों की मतगणना समाप्त होने के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी सौरभ बाबू ने सपा प्रत्याशी को प्रमाण पत्र देकर सांसद बनने की बधाई दी।मतगणना के पहले चक्र से सपा प्रत्याशी की बढ़त का जो सिलसिला शुरू हुआ वह अंत तक जारी रहा। कुल चक्रों की मतगणना में सपा प्रत्याशी ने 2 लाख 18 हजार 953 वोट हासिल किए जबकि दूसरे स्थान पर निर्वतमान सांसद बसपा के महेंद्र निषाद को 1 लाख 66 हजार 725 वोट पर ही संतोष करना पड़ा। तीसरे स्थान पर रहे भाजपा के राधेश्याम गुप्ता को 1 लाख 15 हजार 711 वोट मिले। कांग्रेस के विभाकर शास्त्री को 1 लाख 1 हजार 853 वोटों पर संतोष करना पड़ा।
पूर्व प्रधानमंत्री और स्व. पिता विश्वनाथ प्रताप सिंह की छवि पर भाग्य आजमाने आए राजा अजेय प्रताप सिंह को सिर्फ 7 हजार 422 मतदाताओं ने ही पसंद किया। इसके अलावा अन्य प्रत्याशियों में जागेश्वर पाल को 10 हजार 693, इंजपा के उदितराज को 5 हजार 573, निर्दलीय मतीन को 1439, मुन्ना सिंह को 1657 मत मिले। इसी तरह रईस को 1586, विश्वस्वरूप मौर्य को 1708, अपनादल के डा. सोनेलाल पटेल को 10 हजार 628, अंशुमान सिंह को 6 हजार 31, जगदीश नरायण शर्मा को 5 हजार 790 वोट मिले। इनके अलावा दिलीप वर्मा को 5 हजार 830, नरसिंह पटेल को 23 हजार 488, महफजुल हक उर्फ राजू खान को 2852, हरिश्चंद्र स्वर्णकार को 6 हजार 444 वोट मिले।
पहले चक्र की मतगणना शुरू होने के बाद सपा प्रत्याशी का बढ़त बनाने का सिलसिला देख निर्दलीय प्रत्याशी तो शुरू में ही मतगणना पंडाल से निकल भागे। 10 चक्रों की मतगणना तक बसपा, भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी मतगणना पंडाल पर रुके रहे लेकिन इसके बाद सब्र का बांध टूट गया और एक-एक करके अपने अभिकर्ताओं के साथ प्रत्याशी बाहर की राह पकड़ने लगे। तेरह चक्रों का परिणाम आने तक पंडाल के भीतर केवल सपा प्रत्याशी और उसके अभिकर्ता ही रह गए।





15 मई 2009

फतेहपुर का जिला अस्पताल आईपीएचएस योजना में शामिल

फतेहपुर के जिला अस्पताल को स्वास्थ्य विभाग की ओर से संचालित इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैडर्ड (आईपीएचएस) योजना में शामिल कर लिया गया है। अब बहुत जल्द मरीजों को अस्पताल में और बेहतर चिकित्सीय सुविधायें मिलने लगेंगी। इस योजना के तहत चिकित्सालय में बने धोबी घाट को लांड्री में परिवर्तित किया जायेगा, इसके अलावा वाहन स्टैड, वाडरें में स्वास्थ्य संबंधी जिन उपकरणों की कमी है उनकी उपलब्धता करायी जायेगी। यह जानकारी देते हुये मुख्य चिकित्साधीक्षक डा.राकेश कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की मंशा है कि अस्पताल को सभी संसाधनों से लैस कर दिया जाये ताकि यहां मिलने वाली बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं से मरीज लाभान्वित हो सके। बताया कि स्टीमेट बनाकर जल्द ही भेज दिया जायेगा।

ज्ञात हो कि सदर अस्पताल के पीछे बना धोबीघाट इन दिनों अव्यवस्थाओं से जूझ रहा है। यहां पुरानी तकनीकी से अस्पताल के कपड़ों की धुलाई की जाती है, जिससे कपड़ों के वैक्टीरिया पूरी तरह नष्ट नहीं हो पाते। इसके अलावा चद्दर आदि ठीक से साफ भी नहीं होते। बताते चलें कि 120 बेडों वाले अस्पताल में प्रतिदिन बेड सीट, तकिये के कवर के अलावा आपरेशन थियेटर व अन्य वस्त्रों की धुलायी की जाती है। पर्याप्त संसाधनों के अभाव में कपड़ों की कैसी धुलायी होती है इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। सीएमएस ने बताया कि प्रदेश के बीस जिलों में फतेहपुर के अस्पताल का चयन योजना में किया गया है।

(समाचार साभार- दैनिक जागरण)

9 मई 2009

आर्थिक तंगी के बीच प्रशासनिक सेवा में 561वीं रैंक हासिल

मेधा किसी की मोहताज नहीं है। बसोहनी के मनोज कुमार ने यही करके दिखाया। आर्थिक तंगी के बीच बड़े किसान भाई ने इनके हौसले को बनाये रखा तभी तो वर्ष 1999 में लोवर पीसीएस, 2002 में पीसीएस की परीक्षा उत्तीर्ण की। आईएएस बनने का हौसला बना रहा और नौकरी के दौरान ही पढ़ाई करके 2008 में भारतीय प्रशासनिक सेवा में 561वीं रैंक हासिल किया।

फतेहपुर मुख्यालय से पंद्रह किमी दूर दिशा में बसोहनी गांव के मनोज कुमार ने कक्षा पांच तक की शिक्षा गांव के प्राथमिक विद्यालय से हासिल किया। जूनियर तक की शिक्षा एचएन बहुगुणा इण्टर कालेज हुसेनगंज से प्राप्त की। इसके बाद एएस इण्टर कालेज फतेहपुर से हाईस्कूल, अशोक इण्टर कालेज शाखा से इण्टर (कृषि) उत्तीर्ण किया। चन्द्रशेखर कृषि विश्वविद्यालय कानपुर से स्नातक व परास्नातक की डिग्री हासिल की। साधारण कृषक परिवार में जन्मे मनोज कुमार को शुरू से ही शिक्षण कार्य में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। 1999 बैच में लोवर पीसीएस में चयन हो गया और 2002 में सचिवालय लखनऊ में समीक्षा अधिकारी के पद पर नियुक्ति हो गयी। नौकरी के दौरान ही मनोज कुमार ने लगन और मेहनत से पढ़ाई की। 2002 में पीसीएस में चयन हो गया जिसमें सेल टैक्स अधिकारी बांदा व चित्रकूट कार्यालय में कार्यरत रहे। वर्तमान में प्रशिक्षण केन्द्र लखनऊ में तैनात हैं।

भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन पर खुशी जाहिर करते हुए मनोज कुमार कहते हैं कि बसोहनी के ही सुभाष कुमार के आईएएस में आने के बाद परिवार व रिश्तेदार सभी उसे भी आईएएस बनने के लिए प्रेरित करने लगे और यही हौसला उसकी सफलता का आधार बन गया। मनोज कहते हैं कि भारतीय प्रशासनिक सेवा जैसे पद में जनता की सेवा का मौका मिलता है।

(समाचार साभार - दैनिक जागरण)