23 फ़र॰ 2010

….अब तो सब रिवाल्वर ही मांग कर रहे हैं। …फ़ुरसतिया जी की माया है

 

फतेहपुर जिले का हर तीसरा व्यक्ति संगीनों के साये में रहना चाहता है। तभी तो समस्याओं की कम शस्त्र लाइसेंस चाहिए इसके ज्यादा आवेदन जमा हो रहे हैं। सिफारिशें भी कम नहीं मंत्री हों विधायक या फिर नौकरशाह कहीं न कहीं से जुगाड़ लगाकर असलहा हो जाये इसके लिए उन्हें माध्यम बनाया जाता है।

 

gun001डीएम साहब विकास कार्य कर रहे हैं या नहीं इससे किसी का वास्ता नहीं रहता बस यही पता करते रहते हैं कि लाइसेंस कर रहे हैं या नहीं। यूं तो जिले में पिछले दो वर्षो से लाइसेंसों की संख्या में इजाफा नहीं हुआ है।

ऐसे जिलाधिकारी आये कि जिन्होंने इस सोच पर काम किया कि असलहों की संख्या बाइस हजार जिले की आबादी को देखते हुए कम नहीं है। ऐसा नहीं है कि इधर आये जिलाधिकारियों ने एक भी लाइसेंस न किया हो।

 

gun002 शस्त्र लाइसेंस में बंदूक, रायफल का रिवाज खत्म हो गया है अब तो सब रिवाल्वर की ही मांग कर रहे हैं। मुझे लगता है कि यह सब फ़ुरसतिया जी के द्वारा इतने अच्छे बनाए रिवाल्वर के कारण ही हो रहा है |

जिस तरह से शहर हो या ग्रामीण क्षेत्र लाइसेंस के लिए आवेदक आते हैं उससे यह साबित होता है कि शस्त्र लाइसेंस सुरक्षा के लिए नहीं बल्कि स्टेटस सिम्बल व समाज में हनक बनाने के लिए लिया जा रहा है। मुझे लगता है कि फतेहपुर के विकास के लिए समर्पित फतेहपुर फोरम  से जुड़े हुए लोगों के लिए भी यह कम बड़ी चुनौती ना होगी |