10 दिस॰ 2012

माटी से माटी का अभिनन्दन की पांचवीं कड़ी संपन्न : प्रवीण त्रिवेदी के संग ओमघाट से एक रिपोर्ट

कल 9  दिसंबर 2012 को भिटौरा के ओम घाट में उस दृश्य का नजारा देखने लायक था , जिसमें इसी माटी में खेल व पढ़कर देश और दुनियां में नाम रोशन करने वाली विभूतियां अपने ही लोगों से मिली  और इस माटी का कर्ज कैसे चुकायें इस पर भी चर्चा करती रहीं।

माटी से माटी का अभिनन्दन की पांचवीं कड़ी का आमंत्रण पत्र 

रास्ते  में स्वागत करता और दिशा बताता बैनर
ओमघाट का मनमोहक दृश्य ....क्योंकि कार्यक्रम  शुरू होने में देर थी
कल कलकरती गंगा की धार
नौका विहार का अद्भुत दृश्य
नौका विहार का अद्भुत दृश्य
कार्यक्रम स्थल सजा हुआ .... समय पर संकट यहाँ भी जारी :)
अपनों से अपनों के लिए पलक बिछाए सजा दरबार
कार्यक्रम का शुभारम्भ ॐ की धवनि और स्वामी जी के प्रवचन से
खास बात यह है कि विभिन्न क्षेत्रों में बुलंदियों को छूने वाले यह महानुभाव नई पीढ़ी से रूबरू होकर उन्हें आगे बढ़ने की सीख ही नहीं बल्कि उनका हाथ थामकर कुछ कर दिखाने का जज्बा भी देते रहे। जनपद के गौरवशाली व्यक्तित्व अलंकरण समारोह की तीसरी कड़ी में जनपद की उन महान विभूतियों का सम्मान किया गया जो जिले के बाहर रहकर यहां की माटी का मान बढ़ा रहे हैं। इनमें शासकीय सेवा, व्यवसाय, खेल, मीडिया व अन्य क्षेत्र में उल्लेखनीय मुकाम हासिल किये लोगों के नाम शामिल हैं। जिले की मिंट्टी में जन्में यह लोग बाहर रहकर भी यहां के लिये कुछ न कुछ करना चाहते हैं यही उनकी इच्छा है।

बैठे हुए बाएं से उत्तम तिवारी, कर्नल विभव मान सिंह और प्रदीप श्रीवास्तव
बैठे हुए बाएं से आर के तिवारी , कमल कुमार पाण्डेय , विधु पाण्डेय
विधु पाण्डेय के आगे राजीव तिवारी और सनत कुमार द्विवेदी
सांता जी के आगे शिवशंकर त्रिपाठी और उत्तम तिवारी
उत्तम तिवारी, विज्ञानानंद जी और कर्णक विभय  मान सिंह
बैठे हुए बाएं से राजीव तिवारी , शिवशंकर तिवारी , उत्तम तिवारी , अरविन्द कुमार द्विवेदी और हाथ में माइक थामे शैलेन्द्र सिंह परिहार

भिटौरा के ओमघाट-पट्टी विट्ठलपुर सहिमापुर में हुए अलंकरण समारोह में आयी जनपद की इन हस्तियों ने एक दूसरे के हालचाल लिये। यह सभी एक मंच पर एकत्र होकर अपनी जन्म भूमि के प्रति दिल खोलकर कार्य करने की घोषणा की। अपनी जन्म भूमि की माटी से मिलने के लिए समारोह में आये उसके लाल एक दूसरे से मिले तो यादों में खो गये। कुछ तो पहली बार एक दूसरे से मिल रहे थे। कार्यक्रम में आयी विभूतियों ने कहा कि वह जितना हो सकेगा फतेहपुर जिले का नाम रोशन के लिए कुछ विशेष करते रहेंगे।

सम्मानित होने के बाद श्री शिवशंकर तिवारी अपनी बात कहते हुए



सम्मानित होने के बाद श्री डा० राजकुमार चौहान जी  अपनी बात कहते हुए

सम्मानित होने के बाद श्री अश्वनीकुमार शुक्ल  अपनी बात कहने के लिए उठ खड़े  हुए

मौके पर उपस्थित अनुशासित श्रोतागण




सम्मानित होने के बाद श्री आर० के०  तिवारी  उर्फ़ दूकान जी  अपनी बात कहते हुए

सम्मानित होने के बाद श्री कमलेश चन्द्र बाजपेयी    अपनी बात कहते हुए

सम्मानित होने के बाद श्री मुकेश सिंह लोधी अपनी बात कहते हुए

सम्मानित होने के बाद श्री कुलदीप सिंह लोधी  अपनी बात कहते हुए

स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती जी की अगुवाई में आयोजित समारोह में सम्मान पाने वालों में कमलेश चंद्र बाजपेयी, पीसीएस, आरके तिवारी, अंतर्राष्ट्रीय मूंछ नर्तक, डॉ. राजकुमार सिंह चौहान, सहायक निदेशक स्वास्थ्य, डॉ. अश्वनी शुक्ला, प्रवक्ता जवाहर लाल नेहरू डिग्री कालेज बांदा, मुकेश सिंह लोधी, आईटीआई कानपुर देहात, कुलदीप सिंह लोधी प्रोजेक्ट इंजीनियर, ग्रेटर नोयडा, शिवशंकर त्रिपाठी राष्ट्रीय अध्यक्ष आइसना, इलाहाबाद को पुष्पगुच्छ व रुद्राक्ष की स्नेहमयी माला से सम्मानित किया गया। इसके अलावा इस अवसर पर फतेहपुर फोरम के सदस्यगण के रूप में  में प्रदीप श्रीवास्तव डीजी, पंजाब पुलिस, राजीव कुमार तिवारी, जेई राष्ट्रपति भवन, विधु पाण्डेय समाज सेवक, नई दिल्ली, शैलेन्द्र सिंह परिहार, अपर जिलाधिकारी, नई दिल्ली, उत्तम तिवारी, उद्योगपति, समाज सेवक, नई दिल्ली, कर्नल विभवमान सिंह, कमल पाण्डेय, अधिवक्ता सर्वोच्च न्यायालय, एके द्विवेदी, जिलाधिकारी, बलरामपुर, सनत कुमार द्विवेदी, वित्त नियंत्रक पुलिस मुख्यालय, इलाहाबाद आदि रहे।

एकाग्रचित्त निहारते स्वामी विज्ञानानंद और साथी

सम्मानित होने के बाद श्री अरविन्द कुमार द्विवेदी अपनी बात कहते हुए



विज्ञानानद जी के वैदिक स्कूल के वेदपाठी बच्चे आकर्षण का केंद्र रहे

उपस्थित जन मानस

अरविन्द द्विवेदी जी के हाथों से सम्मानित होते हुए बाएं से प्रतिभाशाली खिलाड़ी मनीषा सिंह और  मेधावी छात्रा प्रतिमा शुक्ला

स्वामी जी के आग्रह पर वादा करते हुए नगर पालिका अध्यक्ष श्री चन्द्र प्रकाश लोधी जी

स्नेहमयी  फूलों की डोरी में  बंधे गए आगंतुक ; अब बच कर ना जा पायेंगे


इस मौके पर समारोह में अपनी काव्यमयी वाणी से  वरिष्ट साहित्यकार धनंजय अवस्थी ने स्नेह के बंधन को मजबूत किया। इस मौके पर जिले पुनः सैनिक भर्ती के लिए प्रयासों को बल देने  का निर्णय लिया गया ।
स्नेहमयी  फूलों की डोरी में  बंधे गए आगंतुक ; अब बच कर ना जा पायेंगे





चलते चलते निर्मित हो रहे विशालकाय मंदिर की आधार शिला का एक दृश्य


प्रसाद ग्रहण  के उपरान्त चिन्तनरत और मिलन करतेफतेहपुरी माटी के लाल


प्रसाद ग्रहण  के उपरान्त चिन्तनरत और मिलन करतेफतेहपुरी माटी के लाल

स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती के प्रयासों से विगत वर्षों  की भांति इस बार भी फतेहपुर फोरम के तत्वाधान में अलंकरण समारोह का आयोजन किया। ओम घाट में आयोजित कार्यक्रम में न सिर्फ प्रतिभाओं का  सम्मान  किया गया। बल्कि इस मंच के माध्यम से जनपद के विकास और विकास की राह में आ रही विभिन्न समस्याओं के बारे में चिंतन भी किया गया। चिंतन के दौरान आर्थिक, सामाजिक, शैक्षिक जैसे विभिन्न पहलुओं की गहनता से समीक्षा की गईं। इसका लब्बोलुआब  यह रहा कि गौरवशाली होने के बावजूद जनपद आज शैक्षिक एवं आर्थिक तौर से बेहद पिछड़ा हुआ है।

अतिथियों ने इस पिछडे़पन को दूर करने तथा समाज के चहुमुखी विकास के लिए एकजुट होकर काम करने का आह्वान किया। मुख्य  फोकस शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण के विकास पर रहा। अध्यक्षता कर रहे स्वामी विज्ञानानंद ने कहा कि पतित पावनी गंगा इस पवन क्षण की साथी है। जिस प्रकार गंगा की धवलधारा निज्स्वार्थ भाव से जनकल्याण के लिए अविरल प्रवाहित हो रही है, ठीक वैसे ही यह मंच विकास के पथ पर निरंतर आगे बढ़ता रहेगा। संचालन शैलेन्द्र सिंह परिहार ने किया| पुराने संस्मरणों को याद करते हुए सभी ने कहा कि देश-विदेश के किसी भी कोने में रहकर वह इस मंच के माध्यम से शिक्षा, रोजगार व सृजनात्मक कार्यो के लिए हर संभव मदद करेंगे।

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प्रवीण त्रिवेदी ╬ PRAVEEN TRIVEDI   

6 टिप्‍पणियां:
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  1. साधुवाद, आपकी मेहनत और प्रवीणता से मन अभिभूत हो उठा। सच में आपने अत्यंत प्रशंसनीय कार्य किया है। धन्यवाद।

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  2. रुपहला हो हर क्षण, सुनहरा हर दिन; खुशियों के सागर हों, सौगातें अनगिन। सफलता-हर्ष भरे नववर्ष (2013) हेतु कोटिशः बधाई।

    सादर-सस्नेह,
    अश्विनीकुमार शुक्ल

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  3. रुपहला हो हर क्षण, सुनहरा हर दिन; खुशियों के सागर हों, सौगातें अनगिन। सफलता-हर्ष भरे नववर्ष (2013) हेतु कोटिशः बधाई।

    सादर-सस्नेह,
    अश्विनीकुमार शुक्ल

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