28 दिस॰ 2016

शहीद बावनी इमली पर पर्यटन मंत्रालय हुआ मेहरबान, धरोहर को सुसज्जित करने के लिए 31 लाख 42 हजार की किश्त मंजूर

 

फतेहपुर : जंगे आजादी की अमर गाथा को समेटे हुए शहीद बावनी इमली की जर्जर दशा पर केंद्रीय पर्यटन मंत्रलय मेहरबान हो गया है। केंद्रीय सरकार ने इस ऐतिहासिक धरोहर को सुसज्जित करने के लिए 31 लाख 42 हजार की किश्त मंजूर कर दी है। आवंटित राशि को निर्माण की शक्ल में बदलने के लिए संस्था को भी नामित कर दिया है।


बिंदकी तहसील के खजुहा कस्बे से सटे शहीद बावनी इमली की दशा सुधारे जाने के कदम बढ़ गए हैं। ब्रितानियां हुकूमत से गुलामी के जंजीरों में जकड़े वतन को स्वतंत्रता दिलाने के लिए 52 क्रांतिकारियों को अंग्रेजों ने प्राण न्योछावर कर दिए थे। अंग्रेजों की हुकूमत के खिलाफ विद्रोह की चिंगारी का बिगुल फूंकने वाले 52 देश भक्तों को इमली के पेड़ में लटकाकर फांसी दे दी गई थी। फांसी देने के बाद डर का आलम यह रहा कि कई दिनों तक इन अमर शहीदों के शवों को उतारने वाले नहीं पहुंचे थे। परिजनों को खोने के बाद डर के मारे लोग दुबक गए थे।


ऐसे अमर गाथा समेटे बूढ़े हो गया इमली का पेड़ अभी भी खड़ा है। बाद में ऐसे शहरी स्थल का दर्जा दिया गया। इसके उद्धार की योजनाएं भी बनी लेकिन प्रयास बड़ी सफलता तक नहीं पहुंचाया जा सका। टुकड़ों में इस स्मारक को विकास के पथ पर ले जाया गया। जिले में सांसद की कुर्सी संभालने के बाद केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण एवं उद्योग राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने भी पहल की। उनकी पहल पर केंद्रीय पर्यटन मंत्रलय ने स्मारक के लिए 20 दिसंबर को 31 लाख 42,000 रुपए आवंटित कर दिए। निर्माण कार्य के लिए डब्ल्यूएपीसीओएस नामक कार्यदाई संस्था भी नियुक्त कर दिया।

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