2 अक्तू॰ 2008

आज है मुबारक ईद!

 

आज का दिन मुस्लिम समाज के लिए खुशियों भरा होगा।मुसलमानों का त्योहार ईद उल-फ़ित्र इसलाम के उपवास के महीने रमज़ान को समाप्त करते हुए मनाया जाता है। इस ईद में ३० दिनों के बाद पहली बार दिन में खाना खाते हैं। उपवास की समाप्ती की खुशी के अलावा, इस ईद में मुसलमान अल्लाह का शुक्रियादा इसलिए भी करते हैं कि उन्होंने महीने भर के उपवास रखने की शक्ति दी। ईद के दौरान बढ़िया खाने के अतिरिक्त, नए कपड़े भी पहने जाते हैं, और परिवार और दोस्तों के बीच तोहफ़ों का आदान-प्रदान होता है।ईद के दिन मस्जिद में सुबह की प्रार्थना से पहले, हर मुसलमान का फ़र्ज़ है कि वो दान या भिक्षा दे। इस दान को ज़कात उल-फ़ित्र कहते हैं। लोग गले लगकर एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद देंगे। सेवइयों व शीर-खुरमे के साथ मुंह मीठा कराएंगे। मुख्य नमाज ईदगाह में होगी । रोजेदारों की खुशी के इजहार के विशेष दिन ईदुल फितर को लेकर मुस्लिम समाज में काफी उत्साह है। घर-घर मीठी सेवइयों व शीर-खुरमा सहित खास पकवान बनाए जा रहे हैं। ईद पर एक-दूसरे के घर जाकर मुबारकबाद दी जाएगी और जायकेदार सेवइया खिलाकर स्वागत किया जाएगा।ईद के दिन सब ख़ुश रहते हैं। लेकिन बच्चों की ख़ुशी का क्या कहना! उन्हें मेले में दोस्तों के साथ घूमना, अपनी पसन्द की चीज़ें ख़रीदना और ख़ूब मौज-मस्ती करना अच्छा लगता है। इन सब कामों के लिए पैसों की ज़रूरत होती है और ईद के दिन पैसों की कोई कमी होती नहीं है। ईद के दिन ईदी जो मिलती है। हर बड़ा अपने से छोटे को अपनी हैसियत के हिसाब से कुछ रुपए देता है, इसी रक़म को ईदी कहते हैं छोटे बड़ों के सामने जाते हैं, सलाम करते हैं और ईद मुबारक कहते हैं, बस! हो गई ईदी पक्की।

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