18 नव॰ 2009

फतेहपुर के ॐ घाट में हुआ फतेहपुर के लालों का माटी से माटी का अभिनंदन -2009

 

तपोभूमि भिटौरा स्थित ओम घाट में आयोजित वंदन और अभिनंदन समारोह में जनपद की माटी से उपजी ऐसी प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया, जो न सिर्फ हिंदुस्तान में बल्कि अन्य देशों में अपनी प्रतिभा कौशल के जरिए समाज के निर्माण में सक्रिय भूमिका अदा कर रहे हैं।

भिटौरा के ओमघाट में उत्तरवाहिनी गंगा के पावन तट पर गौरवशाली व्यक्तित्व अलंकरण समारोह में अपनों का सम्मान पाकर विभिन्न क्षेत्रों में ख्याति अर्जित करने वाले फतेहपुर के माटी के लाल फूले नहीं समा रहे थे। अपनी ही माटी से सम्मान  पाकर अभिभूत विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत इन प्रतिभाओं ने एक सूत्र में बंधकर जनपद के चहुंमुखी विकास का संकल्प लिया। साथ ही यथासंभव सहयोग का आश्वासन दिया।

स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती के प्रयासों से विगत वर्षों  की भांति इस बार भी फतेहपुर फोरम के तत्वाधान में अलंकरण समारोह का आयोजन किया। ओम घाट में आयोजित कार्यक्रम में न सिर्फ प्रतिभाओं का  सम्मान  किया गया। बल्कि इस मंच के माध्यम से जनपद के विकास और विकास की राह में आ रही विभिन्न समस्याओं के बारे में चिंतन भी किया गया। चिंतन के दौरान आर्थिक, सामाजिक, शैक्षिक जैसे विभिन्न पहलुओं की गहनता से समीक्षा की गईं। इसका लब्बोलुआब  यह रहा कि गौरवशाली होने के बावजूद जनपद आज शैक्षिक एवं आर्थिक तौर से बेहद पिछड़ा हुआ है। अतिथियों ने इस पिछडे़पन को दूर करने तथा समाज के चहुमुखी विकास के लिए एकजुट होकर काम करने का आह्वान किया। मुख्य  फोकस शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण के विकास पर रहा।

अध्यक्षता कर रहे स्वामी विज्ञानानंद ने कहा कि पतित पावनी गंगा इस पवन क्षण की साथी है। जिस प्रकार गंगा की धवलधारा निज्स्वार्थ भाव से जनकल्याण के लिए अविरल प्रवाहित हो रही है, ठीक वैसे ही यह मंच विकास के पथ पर निरंतर आगे बढ़ता रहेगा। संचालन प्रदीप चन्द्र  श्रीवास्तव  ने किया  और सञ्चालन में मदद  प्रोफ़ेसर रवीन्द्र द्वारा की जाती रही | पुराने संस्मरणों को याद करते हुए सभी ने कहा कि देश-विदेश के किसी भी कोने में रहकर वह इस मंच के माध्यम से शिक्षा, रोजगार व सृजनात्मक कार्यो के लिए हर संभव मदद करेंगे।




यूं तो फतेहपुर की माटी में जन्मी विभूतियों की तो एक लंबी श्रृंखला है। रविवार को मौका था इन्हीं विभूतियों का सम्मान करने का, करीब तीन दर्जन होनहारों को आमंत्रित किया गया था। लेकिन व्यस्तता के चलते कुछ लोग उपस्थिति नहीं हो सके। समारोह में लगभग दो दर्जन हस्तियों ने भाग लिया।

स्वामी विज्ञानानंद जी के संयोजकत्व में आयोजित इस कार्यक्रम में शहर के रानी कालोनी निवासी पुलिस महानिरीक्षक इलाहाबाद सूर्य कुमार शुक्ला, कटरा जोनिहां निवासी डिप्टी डायरेक्टर दिल्ली विकास प्राधिकरण शैलेन्द्र सिंह परिहार, दिल्ली के मुख्य व्यवसायी नियूरी वृन्दावन निवासी उत्तम तिवारी, चुनाव आयोग नई दिल्ली के सचिव चंदियाना निवासी आरके श्रीवास्तव, जहानाबाद निवासी एनआईएचएफडब्लू नई दिल्ली के जेई राजीव कुमार तिवारी, हसनापुर दुगरेई निवासी उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता कमल कुमार पाण्डेय, कहिंजरा दपसौरा निवासी डिप्टी सर्वेयर जनरल नई दिल्ली महेश चन्द्र तिवारी, हाजीपुर गंग निवासी दिल्ली के कपड़ा व्यवसायी राकेश कुमार मिश्र, सेनीपुर निवासी एडीशनल चीफ मेडिकल आफीसर इलाहाबाद डा.शेष नारायण पाठक, रस्तोगी गंज के सीनियर जनरल मैनेजर कंटेनर कारपोरेशन आफ इण्डिया के पद पर आसीन डीएस कपूर, संवारा नौगांव निवासी गोविंद वल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर उत्तरांचल के विभागाध्यक्ष शिवप्रकाश मौर्य, सर्व शिक्षा के निदेशक सुरेश सोनी, टेनिस बाल क्रिकेट के क्षेत्र में ख्याति अर्जित करने वाले शहर के सिविल लाइन निवासी रविकांत मिश्रा, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश गाजियाबाद सुरेश चन्द्र सैनी, डा.रमेश रस्तोगी, बिंदकी तहसील क्षेत्र के निवासी प्रोफेसर डा.बालगोविंद द्विवेदी, मर्चेन्ट नेवी के अधिकारी विशान्त श्रीवास्तव सहित अन्य हस्तियों को प्रशस्तिपत्र ओम का प्रतीक चिन्ह, अंगवस्त्रम के साथ सम्मानित किया गया।



पक्षी कितनी भी दूर की उड़ान भरे लेकिन अपना घोंसला नहीं भूलता है। अलंकरण समारोह में आयी सख्शियतों ने भी कुछ ऐसा ही अपनों के बीच बयां किया। बड़ों के पैर छूकर व हमउम्र के लोगों को गले लगाकर वर्षो के बिछड़ाव व दूरियों को मिटा दिया। अपनों के बीच जब पहुंचे तो पद प्रतिष्ठा सब भूलकर माटी की सोंधी सुगन्ध में खो गये। बातें शुरू हुई तो ऐसी कि खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहीं थीं। न जाने की जल्दी और न काम का बोझा। सबकुछ अपनों में ही थोड़ी देर के लिए समर्पित दिखा।
भिटौरा के ओम घाट में उत्तरवाहिनी गंगा के तट में प्राकृतिक सौंदर्यता के बीच सम्पन्न हुए कार्यक्रम में माटी में जन्मी बाहर से आयी विभूतियों का अपनों से प्रेम देखते ही बन रहा था। ज्यों ही पुराना साथी मिलता था दौड़कर या तो गले लगते रहे या फिर पैर छूकर आशीर्वाद लेते रहे। कटरा जोनिहां के शैलेन्द्र सिंह परिहार जब अपनों के बीच पहुंचे तो बस एक ही चर्चा रही कि माटी का कर्ज कैसे उतारें। कहते रहे कि जिले के पिछड़ेपन को दूर करने व रोजगार, शिक्षा के क्षेत्र में बहुत कुछ करने की तमन्ना है और कर भी दिखायेंगे। बस जरूरत है सहयोग देने वालों की।

चुनाव आयोग के सचिव आरके श्रीवास्तव कहते हैं कि लंबे अर्से बाद इस माटी में आने का मौका मिला है। यहां के लोगों से मिलकर पचास साल पहले का बचपन याद आ रहा है। किस तरह से साथियों के साथ उछलकूद करते थे और गलियों में घूम-घूमकर समय बिताते थे वह अपने पुराने साथियों से कुछ यही हाल सुनाते रहे। आखिर इसी माटी के लाल हैं जो आज सख्शियत बनकर विभिन्न क्षेत्रों में जनपद का नाम रोशन कर रहे हैं। उनको अपने बीच पाकर यहां के लोग भी गदगद हो गये। कोई उनसे बराबर संपर्क रखने के लिए फोन नंबर लेता रहा तो कोई पुरानी यादें ताजा कर अपनत्व झलकाता रहा।
अगली पोस्ट में माटी के लालों द्वारा कही गयी बातों के वीडियो उपलब्ध कराने की कोशिश  करूँगा !

(समाचार अंश-साभार दैनिक जागरण)

2 टिप्‍पणियां:
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  1. पक्षी कितनी भी दूर की उड़ान भरे लेकिन अपना घोंसला नहीं भूलता है।
    बहुत सुंदर लेख ओर सुंदर बात के संग सुंदर जानकारी

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  2. Really a great work and great service to the mother land.

    Every one must take an example from this and should spread the knowledge about his/her native town.

    Thanks & Regards
    Poet Shailesh Shukla
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    http://en.wikipedia.org/wiki/Fatehpur,_Fatehpur#Personalities
    http://en.wikipedia.org/wiki/Fatehpur_district#Great_Personalities

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