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19 फ़र॰ 2009

शिक्षकों की तैनाती में मनचाहा विद्यालय लेने का ख्वाब चकनाचूर

नियुक्ति पत्र पाने के साथ ही चार सौ इकतालीस अभ्यर्थी शिक्षक बन गये। छठे वेतन आयोग पर नियुक्ति के साथ ही सत्रह हजार से अधिक वेतन पाने की खुशी के साथ नौकरी मिलने की चौगुना खुशी में शिक्षक उछल पड़े। भले ही बेसिक शिक्षा तैनाती नियमावली 2008 के रोस्टर पर शिक्षकों को असेवित ब्लाकों में तैनाती की गयी हो, लेकिन नियुक्ति पत्र पाने के साथ ही सभी शिक्षक-शिक्षिकायें संबंधित विद्यालयों के लिये कूच कर गये। बेसिक शिक्षा अधिकारी आरके पंडित ने सूची जारी करते हुए दस दिन के अंदर कार्यभार ग्रहण करने के साथ ही समस्त दस्तावेज जमा करने के निर्देश दिये हैं।

छात्र, शिक्षक के मानक में कमजोर विकास खण्ड हंसवा, असोथर, विजयीपुर, हथगाम, धाता व ऐरायां में ही सभी शिक्षकों की तैनाती की गयी है। अंग्रेजी वर्णमाला व न्यूनतम चयन गुणांक को आधार बनाकर शिक्षकों को आरक्षण क्रम में विद्यालय आवंटित किये गये। इस व्यवस्था से छ: विकास खण्डों के अड़तालीस शिक्षक विहीन विद्यालयों में दो-दो शिक्षकों की नियुक्ति की गयी है। तीन सौ छत्तीस एकल विद्यालयों में एक-एक शिक्षक और भेज दिये गये हैं। विशिष्ट बीटीसी 2007 के व बीटीसी 2001 के अभ्यर्थियों से ही उन ब्लाकों के बंद व एकल विद्यालयों की काफी हद तक भरपाई हो गयी है। बताते हैं कि एक सौ उन्नीस विद्यालय एकल शिक्षक के अब भी शेष रह गये हैं। विशिष्ट बीटीसी दूसरे फेरे के शिक्षकों की तैनाती में पहले असेवित छ: ब्लाकों के एकल विद्यालय भरे जायेंगे।


एक हफ्ते की कवायद के बाद सोमवार की देर रात बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सामूहिक नियुक्ति सूची जारी कर दी है। शिक्षकों की तैनाती में पहली बार ऐसा हुआ है जब शिक्षकों का मनचाहा विद्यालय लेने का ख्वाब चकनाचूर हुआ है। कम्प्यूटराइज्ड तैनाती में न्यूनतम मेरिट व अंग्रेजी वर्णमाला क्रम में एक सामान्य, एक पिछड़ी जाति, फिर सामान्य फिर एक अनुसूचित जाति के क्रम पर जिसको जो विद्यालय मिला वही दे दिया गया। बताते हैं कि नई तैनाती में ज्यादातर शिक्षक कानपुर के रहने वाले हैं ऐसे में वह मलवां, देवमई ब्लाकों के स्कूलों में जाने के लिये पूरी ताकत लगाये रहे, लेकिन किसी की एक नहीं चली। पूरी पारदर्शिता के साथ जारी की गयी सूची को देखने के बाद महिला अभ्यर्थियों के चेहरों की हवाइयां उड़ने लगीं। नौकरी पाने की खुशी में वह किसी तरह से कार्यभार ग्रहण करने को तो तैयार हैं, लेकिन आगे कैसे प्रतिदिन स्कूल जा पायेंगे इसको लेकर परेशान हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में दिनभर अभ्यर्थियों का मेला लगा रहा। हालांकि पिछले तीन-चार दिनों से नियुक्ति पत्र लेने के लिये भटक रहे अभ्यर्थी मंगलवार को अभ्यर्थी नहीं शिक्षक बन गये थे और उनके चेहरों में यह खुशी साफ झलक रही थी। एक तो नौकरी मिलने की खुशी और दूसरा छठे वेतनमान पर पहले से दुगुना वेतन पाने का उल्लास देखते ही बन रहा था। बेसिक शिक्षा अधिकारी आरके पंडित ने कहा कि अट्ठाइस फरवरी तक कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिये गये हैं। नियुक्ति सूची के आधार पर ही प्रधानाध्यापक कार्यभार ग्रहण करा लेंगे। उन्होंने कहा कि जिन विद्यालयों में तैनाती की गयी है पांच वर्षो तक शिक्षकों को वहीं पर पढ़ाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा अध्यापक तैनाती नियमावली 2008 का अक्षरश: अनुपालन किया गया है।

17 फ़र॰ 2009

नियुक्ति पत्र के लिये दिनभर भटके अभ्यर्थी, देररात जारी हुई सूची

काउंसिलिंग के बाद नियुक्ति पत्र प्राप्त करने के लिये बीटीसी 2001 व विशिष्ट बीटीसी 2007 के अभ्यर्थी सोमवार को भी भटकते रहे। विभाग ने देररात रोस्टर के अनुसार नियुक्ति की सूची जारी की। बताते हैं कि मंगलवार को अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिये जायेंगे। तैनाती में 2001 व 2007 के सभी अभ्यर्थियों को मिलाकर पांच सामान्य, दो बीसी व एक अनुसूचित जाति के अभ्यर्थी को दूर के स्कूलों में भेजा गया है। उधर जिला चिकित्सालय में मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने के लिये अभ्यर्थियों की भीड़ लगी रही। चिकित्सीय परीक्षण के बाद अभ्यर्थियों को प्रमाण पत्र दिये गये। आखिर नौकरी मिलने की खुशी थी ऐसे में सुविधा शुल्क देने में भी अभ्यर्थियों को गुरेज नहीं रहा। बस पहले प्रमाण पत्र पाने की मारामारी जरूर देखी गयी।

पिछले एक सप्ताह से काउंसिलिंग के साथ ही अभ्यर्थियों की तैनाती की कवायद विभाग कर रहा है। दस फरवरी तक स्कूल भेजने के निर्देशों में अभी तक अभ्यर्थियों के हाथ में नियुक्ति पत्र नहीं मिल पाया है। लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के पहले शिक्षकों की तैनाती सुनिश्चित करने के लिये विभाग ने नियुक्ति पत्र हाथों-हाथ देने का मन बनाया है। पहले यह था कि सोमवार को हर हाल में नियुक्ति पत्र दे दिये जायेंगे। शायद यही सोचकर अभ्यर्थी सुबह से ही बेसिक शिक्षा कार्यालय में डेरा जमा दिया। मजे की बात तो यह रही कि कार्यालय में कोई भी यह बताने वाला नहीं था कि नियुक्ति पत्र मिलेगा या नहीं। परेशान अभ्यर्थियों ने कई बार हो-हल्ला किया और डीएम कार्यालय तक आने की रणनीति बनाते रहे।

तैनाती में जिलाधिकारी की अनुमति मिलने के साथ ही बेसिक शिक्षा विभाग ने स्कूल आवंटन में बेसिक शिक्षा नियमावली के अध्यादेश को लागू करते हुए वर्ष 2001 व 2007 के अभ्यर्थियों की संयुक्त सूची तैयार की। सामान्य के अभ्यर्थियों की पहले तैनाती की गयी इसके बाद पिछड़ी जाति और फिर अनुसूचित जाति के अभ्यर्थियों को रोस्टर के अनुसार स्कूल आवंटित किये गये। बताते हैं कि न्यूनतम मेरिट पर स्कूल आवंटन में पहले हथगाम, ऐरायां, विजयीपुर ब्लाक के स्कूलों को भरा गया फिर असोथर, हंसवा व अमौली ब्लाक को लिया गया।

बेसिक शिक्षा अधिकारी आरके पंडित ने कहा कि अभ्यर्थियों को मंगलवार को नियुक्ति पत्र हर हाल में दे दिये जायेंगे। काउंसिलिंग के साथ ही अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच कर ली गयी है। नियुक्ति पत्र के साथ मेडिकल सर्टीफिकेट, शपथ पत्र जैसी औपचारिकतायें पूरी करा ली जायेंगी।

जिला चिकित्सालय में जल्द नौकरी पाने की ललक में अभ्यर्थियों में मेडिकल सर्टीफिकेट बनवाने के लिये मारामारी देखी गयी। एक सैकड़ा से अधिक अभ्यर्थी नेत्र चिकित्सालय सहित अन्य चिकित्सकों के पास अपना प्रमाण पत्र जारी करवाने के लिये लगे रहे।

10 फ़र॰ 2009

ऐसा पासा पलटा कि एक पखवारे में ही परीक्षा रिजल्ट के साथ अब नियुक्ति पत्र लेने का मौका

काश सोमवार जैसा दिन रोज आये तो हर किसी की जिन्दगी रोशन होने में देर नहीं लगेगी। डायट व बेसिक शिक्षा कार्यालय में हर तरफ खुशियां ही इतरा रहीं थीं। कोई नियुक्ति पत्र के लिये काउंसिलिंग की लाइन में खड़ा था तो कोई नौकरी की राह मिलने की खुशी में इतरा रहे थे। खासकर 2001 की सूची वाले अभ्यर्थियों के चेहरों में खुशी ही नहीं जिन्दगी का मकसद मिल जाने का रंगीन सपना तैर रहा था। आखिर तैरें क्यों न। शिक्षक बनने की उम्मीद ही खत्म हो गयी थी फिर ऐसा पासा पलटा कि एक पखवारे में ही परीक्षा रिजल्ट के साथ अब नियुक्ति पत्र लेने का मौका मिल गया।

हर चेहरे में तैरती खुशी का यह माहौल और कहीं नहीं डायट और बेसिक शिक्षा कार्यालय में देखा गया। यूं तो काउंसिलिंग के लिये सुबह दस बजे बुलाया गया था, लेकिन शैक्षणिक सहित अन्य दस्तावेज लेकर अभ्यर्थी नौ बजे से ही कार्यालय में डट गये। शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मानें तो यह पहला मौका है जब एक साथ 2001, 2004 व 2007 के अभ्यर्थियों को एक साथ बुलाकर किसी को नौकरी तो किसी को नौकरी के प्रशिक्षण के लिये बुलाया गया है। डायट में 2004 की मेरिट सूची जारी कर एक सौ छियानबे अभ्यर्थियों के बीटीसी प्रशिक्षण के लिये तीन सौ बानवे अभ्यर्थियों को बुलाया गया था। दो दिन तक चलने वाली इस काउंसिलिंग के पहले दिन तकरीबन डेढ़ सौ अभ्यर्थी आये। पांच साल पहले बीटीसी के लिये फार्म डाला था अब मेरिट भले ही दूना की जारी की गयी हो, लेकिन नाम आने की खुशी में अभ्यर्थी काउंसिलिंग में लाइन लगाये रहे। काउंसिलिंग में आये राकेश ने कहा कि अब तो उम्मीद ही नहीं थी कि 2004 के आवेदन पर बुलाया जायेगा। ऊपर वाले का शुक्र है कि मेरिट में नाम आ गया अब तो यह लग रहा है कि शिक्षक बनने का सपना पूरा हो जायेगा। यह पूछने पर कि कैसा लग रहा है कहा कि अकेले मैं नहीं बल्कि पूरे घर के लोग खुश हैं। प्रशिक्षण में नाम आने पर भगवान से मनौती भी मांगी है।

2004 की काउंसिलिंग के पहले दिन साठ फीसदी अभ्यर्थी नहीं आये। ऐसा माना जा रहा है कि दस फरवरी को होने वाली काउंसिलिंग में भी कुछ लोग आ सकते हैं। बीस फीसदी तो ऐसे अभ्यर्थी होंगे जो कहीं दूसरी नौकरी में लग गये होंगे। दूना मेरिट पर आये अभ्यर्थी यही मनाते रहे कि कम संख्या में लोग आवें तो मेरिट डाउन होगी और उनका नाम बीटीसी 2004 के प्रशिक्षण में आ जाये। उधर बेसिक शिक्षा कार्यालय में तो नौकरी मिलने की खुशियां तैर रही थीं। विशिष्ट बीटीसी के साढ़े तीन सौ व बीटीसी 2001 के लगभग बयासी अभ्यर्थियों को नौ व दस फरवरी को काउंसिलिंग के लिये बुलाया गया। पहले दिन अनुसूचित जाति, पिछड़ी जाति के अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग में शत-प्रतिशत अभ्यर्थी आये। बेसिक शिक्षा अधिकारी आरके पंडित सहयोगियों के साथ काउंसिलिंग में अभ्यर्थियों से शपथ पत्र के साथ अन्य आवश्यक दस्तावेज लेते रहे। मूल प्रमाण पत्रों से जांच के साथ अभ्यथियों को वापस कर दिया गया। बताते हैं कि स्कूल के आवंटन के साथ सभी अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र पंद्रह फरवरी के पहले दे दिया जायेगा। शिक्षा विभाग के अधिकारियों में इस बात की खुशी रही कि लंबे समय से शिक्षकों की चल रही कमी से अब निजात मिल जायेगा। पंद्रह फरवरी के पहले जिले को चार सौ से अधिक शिक्षक मिल जायेंगे ऐसे में हर विद्यालय में दो शिक्षक का मानक पूरा हो जायेगा। उधर अभ्यर्थी काउंसिलिंग के साथ ही मनचाहे विद्यालय की जुगाड़ में लगे रहे।

अव्यवस्थाओं से जूझे अभ्यर्थी

काउंसिलिंग के लिये अभ्यर्थियों की भीड़ बढ़ गयी तो डायट व बीएसए कार्यालय की व्यवस्थायें भी बौनी पड़ गयीं। स्थिति यह रही कि काउंसिलिंग के लिये विशिष्ट बीटीसी 2007 के अभ्यर्थियों को बुला तो लिया गया था, लेकिन उन्हें उत्तीर्ण का अंकपत्र भी नहीं दिया गया था। ऐसे में वह दो बजे तक भटकते रहे इसके बाद ही काउंसिलिंग शुरू हुई जो देररात तक चलती रही।

शिक्षा विभाग के अधिकारियों के सामने मुश्किल यह है कि राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद के निदेशक ने दस फरवरी तक बीटीसी 2001 व विशिष्ट बीटीसी 2007 के उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की तैनाती दस फरवरी तक करने के निर्देश दिये हैं। सैकड़ों अभ्यर्थियों की एक साथ भीड़ आ जाने से शिक्षा विभाग के कार्यालयों में मेला जैसा माहौल रहा। न तो कोई यह बताने वाला था कि काउंसिलिंग कब से शुरू होगी और न ही बीएसए कार्यालय में दो बजे तक काउंसिलिंग का काउन्टर लगाया गया। बेसिक शिक्षा अधिकारी आरके पंडित ने कहा कि मेरिट सूची डायट से विलम्ब से मिलने के कारण काउंसिलिंग देर से शुरू हो पायी है। उन्होंने कहा कि जो भी अभ्यर्थी आये हैं सभी की काउंसिलिंग आज ही कर ली जायेगी किसी को वापस नहीं किया जायेगा।