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10 अक्टू॰ 2016

अब खागा में रुकेगी मुरी एक्सप्रेस, अप-डाउन दोनों तरफ से खागा स्टेशन में रुका करेगी

फतेहपुर  : खागा रेलवे स्टेशन से यात्रियों को लाने ले जाने का काम रेल प्रशासन ने मुरी एक्सप्रेस के ठहराव को खत्म करके रोक दिया था। तीन साल पहले हुए इस काम में सांसद एवं केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण एवं उद्योग राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने फिर परिवर्तन करा दिया है।

टाटा नगर से जम्मूतवी तक जाने वाली यह सवारी गाड़ी अप-डाउन दोनों तरफ से खागा स्टेशन में रुका करेगी। केंद्रीय मंत्री ने बताया जन भावनाओं को देखते हुए मुद्दे को लेकर वह केंद्रीय रेलमंत्री सुरेश प्रभु से 23 सितंबर को मिली थी। जिस पर रेलवे बोर्ड द्वारा ठहराव का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि यह ठहराव 14 अप्रैल से प्रभावी होगा। इसके साथ ही अन्य ट्रेनों के मुख्यालय में ठहराव को लेकर रेलमंत्री से वार्ता हो चुकी है। नामों की अभी वह घोषणा नहीं करेंगी। जल्द ही कई ट्रेनों के ठहराव की सौगात मुख्यालय में दिलाएंगी।



बताते चलें कि खागा में हो रहा ठहराव छह माह के लिए प्रायोगिक तौर पर रेलवे बोर्ड ने किया है। कारण कि रेलवे बोर्ड ठहराव के बाद यह देखता है कि ठहराव से रेलवे को कितनी आमदनी हो रही है। रेलवे में ट्रेन के ठहराव को लेकर जिलेवासियों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है।

11 जुल॰ 2011

फतेहपुर : सैकड़ों यात्रियों के लिए भगवान बन गये ग्रामीण

भरी दोपहरी जब हर कोई अपने काम में व्यस्त  था। अचानक एक जोरदार के  धमाके ने सबको दहला दिया। ऐसा लगा जैसे बम फट गया हो। लोगों ने घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े। मंजर देखा तो दिल दहल गया। कालका मेल के करीब दर्जन भर डिब्बे बुरी तरह से क्षतिग्रस्त थे। कुछ हवा में लटके थे तो कुछ पिचके थे। यात्रियों में कोहराम मचा था सभी जान बचाने की दुहाई दे रहे थे। हादसे की खबर पल भर में ही आसपास के दर्जनों गांवों में फैली तो ग्रामीणों ने घटनास्थल की ओर दौड़ लगा दी।
फतेहपुर के मलवां स्टेशन पर कालका मेल के क्षतिग्रस्त होने के बाद लगभग चार सौ से अधिक लोग फंसे थे। एसी कोच (ए1, ए2,बी1, बी 2 बी 3) समेत कुल 11 डिब्बों में मंजर दिल दहलाने वाला था। किसी का हाथ लटक रहा था तो किसी की केवल गर्दन दिखाई दे रही थी। कई यात्रियों का शरीर तो कुचल गया था। हादसे की खबर पाकर मलवां क्षेत्र के ओखरा कुंवरपुर, बेहटा, उमरगहना, मलवां, भग्गा का पुरवा चक्की गांवों के सैकड़ों लोग मौके पर पहुंच गये। ट्रैक्टर, वैन, पिकअप समेत वाहनों से पहुंचे ग्रामीणों ने पहुंचते ही राहत कार्य शुरू कर दिया। जिस बोगी से चीख पुकार मचती उसी ओर ग्रामीणों का जत्था पहुंचकर लोगों की जान बचाने में जुट जाता। प्रशासन के पहुंचने से पहले ही लगभग सौ लोगों को ट्रेन से सुरक्षित निकालकर लोगों ने घरों में शरण दी।





प्रशासन की टीम का राहत कार्य शुरू हुआ तो एएसपी निधि सारनाथ ने गांववालों को दूर जाने को कहा। इस पर कुछ युवकों की उनसे कहासुनी हो गयी। इस पर यात्रियों ने युवकों का समर्थन किया और कहा .....कि गांववाले न होते तो वे भी काल के गाल में समा चुके होते। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारी बैकफुट हुए और गांववाले वायु सैनिकों के आने के बाद उनके साथ देर रात तक राहतकार्य में जीजान से जुटे रहे।
मलवां स्टेशन पर कालका मेल में हादसे के शिकार हुए लोगों के परिजन फतेहपुर स्टेशन मुख्यालय में भटकते नजर आये। हादसे में मरे एवं जख्मी लोगों का पता लगाने पहुंचे थे लेकिन अव्यवस्था इस कदर रही कि रेलवे प्रशासन द्वारा कंट्रोल रूम तक की व्यवस्था नहीं की गयी थी। हादसे में शिकार लोगों के परिजनों को जैसे ही घटना की खबर मिली, लोग परिजन का पता लगाने के लिए फतेहपुर मुख्यालय आये तथा मृतक और घायलों की सूची तलाशते रहे।

महिलाओं ने भी बंटाया हाथ

राहत कार्य में महिलाओं ने भी हाथ बंटाया। गंभीर रूप से घायल महिला यात्रियों को जब गांववालों ने अपने घरों में शरण दी तो घर की महिलाओं ने घायलों की अपने स्तर से मरहम पट्टी की। छोटे बच्चे यात्रियों का बैग कंधे पर टांगकर उन्हें सुरक्षित स्थान तक ले गये।

औद्योगिक क्षेत्र के मजदूरों ने भी किया काम

ट्रेन हादसे की खबर मिलते ही फतेहपुर की आधा दर्जन से अधिक फैक्ट्रियों में शाम की शिफ्ट शून्य घोषित कर दी। लक्ष्मी काटसिन के मैनेजर एसडी यादव ने करीब दो हजार कर्मचारियों को राहत कार्य के लिए रवाना कर दिया। राधे-राधे, सिग्मा शारदा स्टील एकता डेरी त्रिवेदी इंजीनियरिंग कालेज के सैकड़ों कर्मचारी देर रात तक राहत कार्य में जुटे रहे। स्कूलों की बसें भी राहत कार्य में जुटी। समाजसेवी एंबुलेंस के साथ सबसे पहले पहुंचने वालों में थे। कई चक्कर लगाकर घायलों को सदर अस्पताल पहुंचाया।

(समाचार साभार : दैनिक जागरण फतेहपुर डेस्क )

10 जुल॰ 2011

फतेहपुर जिले में ट्रेन हादसे की सबसे बड़ी घटना : मलवां में कालका एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त

आज सुबह मैं संतोष त्रिवेदी  जी से मिलने उनके गाँव गया हुआ था। फतेहपुर जिले में हुई इस साल की सबसे बड़ी रेल दुर्घटना में फतेहपुर का नाम  होने से मित्रों के फोन आने पर मुझे जानकारी हुई । हालांकि शुरू में मैंने इसे केवल बोगी के पटरी से उतर जाने जैसा ही साधारण समझा था। क्योंकि बताते चलें कि खागा स्टेशन के समीप डेढ़ माह पहले संगम एक्सप्रेस की 8 बोगी पटरी क्षतिग्रस्त हो जाने से पलट गयी थी लेकिन कोई भी यात्री जख्मी नहीं हुआ था। मलवां स्टेशन के समीप 6 माह पहले भी 4 बोगी पलटी थी लेकिन कोई जख्मी नही हुआ था। जाहिर है भगवान को मेरी यह समझ स्वीकार ना थी।  वहाँ से मैं लौटकर फतेहपुर पहुंचा तो एक मित्र के साथ मलवां गया तो हक्का बक्का रह गया। रुक कर देखने , बात करने , उपस्थित  मीडिया मित्रों से प्राप्त जानकारी पर यह पोस्ट कुछ चित्रों के साथ हाजिर है |  दर्द-विदारक  चित्र जानबूझ कर यहाँ नहीं लगाए गए हैं।

अपने पेड़े के लिए प्रसिद्द मलवां को आज यह दिन भी देखना था। मलवां स्टेशन फतेहपुर से 17 किमी व कानपुर से 60 किमी दूर स्थित है। फतेहपुर  के  मलवां स्टेशन पर कालका मेल  के पलटने और लगभग 5 दर्जन से अधिक यात्रियों के मरने एवं 300 से अधिक के जख्मी होने की घटना अब तक की जिले की ट्रेन हादसे की सबसे बड़ी घटना है। घटना से लोगों का दिल  दहल गया, जिसने भी सुना वह या तो घटनास्थल की ओर कूच कर गया या फिर सदर अस्पताल में भर्ती यात्रियों को देखने पहुंचा। हर किसी के मुंह से यहीं बात निकलती कि अरे यह कैसे हुआ?

हादसा इतना बड़ा है  कि देर रात्रि तक फंसे यात्रियों को बोगियों से निकाला नही जा सका है । प्रशासनिक अधिकारियों की देखरेख में पुलिस जवान, प्रशासनिक कर्मी एवं समाजसेवी राहत एवं बचाव कार्य के लिए लगे हुए हैं। इसके बावजूद लोग फंसे थे। जख्मी लोग कराह रहे थे, कुछ महिलाए एवं बच्चों की चीख सुनते नहीं बन रही है । हादसे के बारे में सुनकर लोगों के रोंगटे खडे़ हो जाते हैं। हालात इतने गंभीर दिख रहे हैं  कि राहत कार्य सेना के हवाले करना पड़ा। इसके लिए सेना के जवान हेलीकाप्टर से मौके तक पहुंचाये गए। 

उपस्थित  लोगों का यात्रिओं से प्राप्त सूचना के अनुसार कहना था कि कालका एक्सप्रेस का प्वाइंट ठीक न मिलने के कारण इंजन पटरी से उतर गया। कहा यह भी जा रहा है कि इंजन का एक्सल टूटने के कारण चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगाया और भीषण हादसा हो गया। मौके पर मौजूद एक यात्री से स्वयं मेरी बात हुई तो उन्होंने  बताया कि बड़ी जल्दी जल्दी तीन झटके लगे और फिर अचानक क्या हुआ , कि उन्हें सोचने और संभालने तक का मौक़ा ना मिल सका। घटना की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि घटना के दस-ग्यारह  घंटे बाद भी  घायलों व मृतकों को बोगियों से निकाला नहीं जा सका है। कुछ बोगियां तो एक-दूसरे में इस कदर घुस गयी हैं  कि उन्हें निकालना संभव नहीं हो पा रहा है। कालका मेल में दर्जनों यात्रियों ने राहत कार्य के दौरान लोगों के सामने दम तोड़ा।

हादसे के बाद सबसे पहले आसपास के गांव के सैकड़ों लोग दौड़कर मौके पर आए और पलट गए डिब्बों में फंसे लोगों को बाहर निकालना शुरू किया। बताते हैं कि दुर्घटना का भीषण स्वरूप देख स्थानीय व रेल प्रशासन के हाथ-पांव फूल गये। इस पर सेना की मदद की पुकार करनी पडी। वायुसेना को मेडिकल व रेस्क्यू टीम (चिकित्सा व राहत दल) हेलीकाप्टरों से भेजनी पड़ी।  लगभग दो सौ से अधिक लोग लोग फतेहपुर के जिला अस्पताल में भर्ती हैं। इसके अलावा  कानपुर के हैलट, उर्सला, केपीएम अस्पतालों में भी मरीज भर्ती हुए हैं। कानपुर व फतेहपुर के नर्सिग होम्स में भी घायलों के इलाज की सूचना है। बताते हैं कि दुर्घटना में स्वीडन के  एक  नागरिक की भी मौत हो गयी है।


रेल हादसा..........आँखों देखी
(बड़ा कर देखने के लिए क्लिक करें)







































































































कुछ तथ्य
  • आस-पास के ग्रामीण यदि मौके पर ना होते मृतक संख्या और भी बढ़ सकती थी
  • सरकारी सहायता हादसे के तीन  घंटे बाद ही सक्रिय हो सकी
  • मौके पर जुटाए गए गैस-क़टर आदि के काम नहीं कर पाने से जन -आक्रोश  बढ़ता ही जा रहा था । बहुत से लोग इसके बारे में न्यूज चैनल्स के संवाददाताओं से इसकी शिकायत करते देखे गए
  • एक बार फिर साबित हुआ कि फतेहपुर  जैसे शहरों में आपदा प्रबंधन के नाम पर तैयारी शून्य है
  •  लोगों के हुजूम में हरएक के मन में मलाल था कि लोग किसी की मदद नहीं कर पा रहे हैं
  • पुलिस  प्रशासन के लोगों से कई बार राहत-कार्य में लगे गाँव वालों से मुंहाचाही हुई
  •  अपने जोश और जिजीविषा के चलते कई फतेहपुरी लोग स्वयं  गैस कटर लेकर वहाँ पहुंचे थे
  • फतेहपुर  से लेकर बिन्दकी तक के लोग  वहाँ दुर्घटना स्थल पर बहुत अधिक मात्रा में पहुँच जाने से प्रशासन भीड़ को नियंत्रित करने में  ही हलाकान रहा
  •  सदर अस्पताल में लोग हर संभव मदद के लिए तैयार खड़े थे ....कुछ लोग तो आग्रह पूर्वक खून देने आदि की जरुरत पर  स्वयं तैयार दिख रहे थे


 हेल्पलाइन नंबर
रेलवे ने हादसे से संबंधित जानकारी देने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं जो इस प्रकार हैं: -
  • कानपुर सैंट्रल हेल्पलाइन: 0521 2323015, 0521 2323016 ,0521 2323018
  • फतेहपुर पुलिस : 9454403359
  • फतेहपुर डीजी : 9454402508
  • इलाहबाद हेल्पलाइन : 0532-2207353
  • चंडीगढ़ : 0172-2658924
  • कालका एक्सप्रेस : 01733-221109
  • अंबाला :0171-2631275
  • कोलकाता : 033-26413660
  • चुनार : 05443- 222137, 222487
  • मिर्जापुर : 05442- 222095. 220096, 220097

मृतक सूची

शाम 6:00 मिली हादसे में मरने वालों की सूची-
  1. दिलीप सिंह ------------मीरपुर छावनी, कानपुर
  2. कल्लोदेवी पत्नी दिलीप सिंह------------मीरपुर छावनी, कानपुर
  3. शबनम पत्नी शैराज------------कोलकाता
  4. जावेद आलम पुत्र वली ------मकरीखोह कटरा, मिर्जापुर
  5. राजेश सिंह पुत्र निरंजन सिंह------मुरैना, मध्य प्रदेश
  6. सुफलचंद्र पुत्र बालचंद------हुबली कोलकाता
  7. एमएस करमाकर(गेल डीजीएम)------दिबियापुर, औरैया
  8. कमला करमाकर------------दिबियापुर, औरैया
  9. अनूप कुमार------------------धूमनगंज, इलाहाबाद
  10. लोतिका------------------------इकबालपुर, कोलकाता
  11. अंगन------------------------------(पता नहीं)
  12. समरजीत सिंह------------------------जयरामनगर फतेहपुर
  13.  

घायलों की सूची
जिला अस्पताल में भरती घायलों की सूची

  1. नाम------उम------निवासी
  2. सतीश------35-----बागपत, हरियाणा
  3. मंशारामचंद---28------बाकुड़ा, पश्चिम बंगाल
  4. पप्पू-------20------गया, बिहार
  5. इंदल कुमार------25------गया, बिहार
  6. आनंद------18------गया, बिहार
  7. शिवकुमार प्रधान ------54------सड़तिया, कोलकाता
  8. शहाबुद्दीन------22------अमरोहा, यूपी
  9. नीरज कुमार------16------चितरा केदलीखुर्द झारखंड
  10. भगवान प्रजापति------32------चितरा केदलीखुर्द झारखंड
  11. रजनीश प्रसाद गुप्त------32------गोरखपुर यूपी
  12. मोहन भोलासेख------54------मुस्तफी पश्चिम बंगाल
  13. राघवेंद्र शुक्ल------19------आमघाट मिर्जापुर यूपी
  14. डा.सुकुमार बागची------45------मिर्जापुर यूपी
  15. मृत्युंजय------14------मिर्जापुर यूपी
  16. राजेंद------25------गजोघाटोला गया बिहार
  17. अजीत सिंह------45------अटलपुर मेरठ यूपी
  18. मजीत------60------हयातनगर कालोनी मिर्जापुर यूपी
  19. मुकेश------39------झूसी इलाहाबाद यूपी
  20. रीना कुमारी------22------भगवानपुर बिहार चंडीगढ़
  21. खुशीकुमारी------8------भगवानपुर बिहार चंडीगढ़
  22. अरुशि कुमारी------5------भगवानपुर बिहार चंडीगढ़
  23. अस्मत अली------37------जुगराजपुर पश्चिम बंगाल
  24. सादिक अली खान------40------जुगराजपुर पश्चिम बंगाल
  25. मो. इरफान------35------समस्तीपुर बिहार
  26. शिवकुमार यादव------28------विलासपुर छत्तीसगढ़ आरपीएफ जवान
  27. एसकांती------ 55------180 ए मुखर्जी रोड कोलकाता
  28. शाहजहां बेगम------50------ताजपुर पतारा गाजीपुर यूपी
  29. अबजित मंडल------36------खड़गरामपुर पश्चिम बंगाल
  30. गुलाबगुल हक------23------जिगरागुल पश्चिम बंगाल
  31. नीवेश वैद्य------48------खजुरबेड़िया पश्चिम बंगाल
  32. अर्जुन सिंह------50------इलाहाबाद यूपी
  33. सुधीर वर्मा------42------152 शैलपुत्री अपार्टमेंट लक्ष्मीशकरपुर नई दिल्ली
  34. कौशेंद------36------वर्धमान कोलकाता
  35. आशमा खातून------45------काशीपुर श्यामबाजार छपरा बिहार
  36. मुकेश पांडेय------40------मिर्जापुर यूपी
  37. अमित बाल्मीकि------12------सिक्कावान मेरठ यूपी
  38. नरेंद्र प्रसाद शर्मा------32------64/200 गड़रिया मोहाल, कानपुर
  39. सुनैना वर्मा------40------नई दिल्ली
  40. सुप्रिया वर्मा ------15------नई दिल्ली
  41. सरजू भारती------22------केदलीखुर्द चतरा झारखंड
  42. जगतपाल------25------भरसोला थरियांव फतेहपुर यूपी
  43. सुभाष प्रजापित------32------सकरैल थाना के समीप कोलकाता
  44. राजेश कुमार गुर्जर------31------ बोन राजस्थान
  45. इंदर सिंह------31------टिकरिया राजस्थान
  46. इकबाल अंसारी------35------मुराइन टोला फतेहपुर यूपी
  47. रामजी ------22------सिकट्ठनपुर कानपुर यूपी
  48. संदीपन घोष ------33------कुडुन्ना हार पश्चिम बंगाल
  49. अर्जुन राम------50------आरा बिहार
  50. निजामुद्दीन------18------ कश्मीरी गेट फिरोजाबाद यूपी
  51. आमना बेगम------40 ------कश्मीरी गेट फिरोजाबाद यूपी
  52. मोहनी कलमाड़ी------42------ 115 एमजी रोड कोलकाता
  53. निशा कलमाड़ी------18 ------ 115 एमजी रोड कोलकाता
  54. रानू घोष------50------ कैलाश नगर पुरानी दिल्ली
  55. मोहम्मद बैतुल्ला खान------61 कसपेपुर रोड कोलकाता
  56. जुगेश ------30------रांची झारखंड
  57. एमडी गुलजार ------36------दरभंगा बिहार
  58. बेबी ------28------रांची झारखंड
  59. पिंटू कुमार शाह------25------प्रेमनगर नई दिल्ली
  60. शशि ------24------जहानाबाद बिहार
  61. अनिरबन प्रधान------22------मेदनीपुर पश्चिम बंगाल
  62. धनंजय यादव------21------कठवारा गाजीपुर फतेहपुर यूपी
  63. अमित सिंह------35------शुकलहा मिर्जापुर यूपी
  64. राजेश महतो ------30------ बिटोल झारखंड
  65. गजमती देवी------28------बिटोल झारखंड
  66. ब्यूटी चौधरी ------65------कोल्लानी कोलकाता
  67. बीरेंद्र यादव ------40------छुमिलर नई दिल्ली
  68. अभिजित राज ------35------66/26 पीरोड कोलकाता
  69. सरोज कुमार ------24------धनगई औरंगाबाद बिहार
  70. विजय------37 ------ मिसौढ़ हरियाणा
  71. मायादेवी------45------1844 मउली जागरा कांप्लेक्स चंडीगढ़
  72. प्रोटोस------30------नादिया पश्चिम बंगाल
  73. जीतेंद्र कुमार------23------आजाद नगर मुली धनबाद झारखंड
  74. संजीत पाल------38------हावड़ा कोलकाता
  75. अनीमिष पाल------32------हावड़ा कोलकाता
  76. सुमित मंडल------32------डल्लावीर भूमि पश्चिम बंगाल
  77. विश्वजीत मंडल------32------डल्लावीर भूमि पश्चिम बंगाल
  78. कार्तिक कुंड------40------डल्लावीर भूमि पश्चिम बंगाल
  79. मुन्निरा देवी------40------कानपूर पश्चिम बंगाल
  80. मानस डे------47------कानपूर पश्चिम बंगाल
  81. मीना हलधर------33------कानपूर पश्चिम बंगाल
  82. मोहसिन हलधर------40------चौबीस पूर पश्चिम बंगाल
  83. रुक्मणी देवी------15------चौबीस पूर पश्चिम बंगाल  

घटनाक्रम : मिनट दर मिनट

  1. 12:18 बजे दोपहर- मलवां स्टेशन पर जोरदार धमाके के साथ कालका मेल पलटी।
  2. 12:30- स्थानीय ग्रामीण मौके पर पहुंचे, राहत कार्य शुरू किया।
  3. 1.00 बजे: एसपी व प्रभारी डीएम राहत टीम के साथ पहुंचे
  4. 2:30- पहली राहत गाड़ी कानपुर से आई, बचाव कार्य शुरू
  5. 3:30 - दूसरी राहत गाड़ी मौके पर पहुंची ।
  6. 3:32- सेना के जवान पहुंचे, राहत कार्य शुरू किया।
  7. 3:42- कमिश्नर व आईजी पहुंचे, राहत कार्य का जायजा लिया।
  8. शाम 4:33- आसमान में पहला हेलीकॉप्टर दिखाई दिया।
  9. शाम 4:38-वायुसेना के जवानों ने राहत कार्य शुरू किया।
  10. शाम 5:00- प्रमुख सचिव अनूप मिश्र, पंचायतीराज मंत्री स्वामीप्रसाद मौर्य पहुंचे।
  11. शाम 5:10 - केंद्रीय कोयला मंत्री श्री प्रकाश जायसवाल घटनास्थल पर पहुंचे, राहतराशि की घोषणा।
  12. 5.30 बजे: यात्रियों को लेने कानपुर से आयी ट्रेन
  13. 6.00 बजे: इंजन से लगे एसएलआर बोगी में लगी आग, फायर ब्रिगेड ने बुझायी
  14. 7.00 बजे: राहत कार्य जारी रखने के लिए रोशनी की वैकल्पिक व्यवस्था
  15. रात 10:00- रेलवे की क्रेन ने पहली बोगी को घटनास्थल से हटाया।


साभार : स्थानीय विभिन्न मीडिया ब्यूरो , दैनिक जागरण , अमर उजाला  , हिन्दुस्तान आदि |

    19 दिस॰ 2009

    ....केवल आम आदमी के चलने वाली ट्रेनें ही कोहरे से प्रभावित होती है

    रेलवे यात्रियों की मुश्किलें जाड़े के मौसम में ट्रेनों की लेट लतीफी की तरह बढ़ जाती है। इलाहाबाद-कानपुर रेल खंड पर कोहरे के कारण कई जोड़ी ट्रेनें रद्द कर दी जाती है। यह एक ऐसी मुश्किल है जिससे रेलयात्री लगातार जूझ रहे है। इस मुश्किल को खत्म करने के लिये भाकपा और फतेहपुर विकास  मंच की ओर से एक ज्ञापन रेलमंत्री को दिया गया।


    जाड़ा आते रेलयात्रियों की मुसीबतें बढ़ने लगी है और हंगामें बाजी भी हर साल की तरह शुरू हो गई है। दैनिक यात्री संघ की ओर से भी अपनी आपत्ति बार-बार दर्ज कराई गई है किंतु कोई लाभ नहीं हुआ है। रोडवेज के बढ़े किराये ने यात्रियों की मुश्किलों में जरूर इजाफा किया है।

    कल  दिये गये ज्ञापन में मुसाफिरों की मुश्किलें बयान करते हुये रेलमंत्री से कहा है कि सालों साल यह हो रहा है कि दिसंबर से फरवरी के बीच कोहरे की बात कह कर कई जोड़ी ट्रेनें जो कानपुर इलाहाबाद के बीच दौड़ती है उन्हे रद्द कर दिया जाता है। इससे होता यह है कि आम यात्री के साथ प्रतिदिन यहां से यात्रा करने वाले दो हजार से अधिक दैनिक यात्री भारी मुश्किलों का सामना करते है।

    ज्ञापन देने वालों ने कहा है कि.......
    ........केवल आम आदमी के चलने वाली ट्रेनें ही कोहरे से प्रभावित होती है जबकि इसी रेलखंड में चलने वाली राजधानी, गरीब रथ, सप्त क्रांति, प्रयागराज जैसी ट्रेनें लगातार चलती है इनकी गति को कोहरा प्रभावित नहीं करता है। कहा है कि यह भेदभाव वाली नीति है और समता के सिद्घांत का भी उल्लंघन है जो नहीं होना चाहिये।

    यात्रियों ने मांग की है कि अगर ट्रेनें रद्द की जायें तो मुसाफिरों की मुश्किलें कम करने के लिये मेमू ट्रेन चला दी जायें या विकल्प के तौर इंटरसिटी कानपुर इलाहाबाद के बीच प्रतिदिन कई बार चलायी जाये।

    (यह ज्ञापन फतेहपुर विकास मंच की तरफ से फतेहपुर ब्लॉग में प्रकाशन हेतु प्रेषित )

    19 नव॰ 2008

    यात्रियों के बैठने तक की उचित व्यवस्था नहीं

    भारतीय रेलवे अपने यात्रियों को अपना अतिथि समझता है और उन्हें उस योग्य सुविधायें मुहैय्या कराना भी अपना फर्ज समझता है किन्तु रेलवे स्टेशन फतेहपुर, रेलवे के इस विचार से इत्तेफाक नहीं रखता। तभी तो यात्रियों के बैठने तक की उचित व्यवस्था यहां नहीं है।

    रेलवे चाहता है कि यात्रा करने के लिये आने वाले आगन्तुक जब स्टेशन आयें तो उन्हें किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े। घर से आ जाने और गाड़ी मिलने तक के बीच के समय को यात्री सुविधानुसार आराम से बिता सकें। समय बिताने और लाये गये सामान को सुव्यवस्थित ढंग से रखने व उठने बैठने के लिये प्रतीक्षालय बना है। किन्तु यहां आने वाला आगन्तुक उस वक्त हैरान रह जाता है जब उसे बैठने के लिये उपयुक्त स्थान तक नहीं दिखता है। साथ लाया सामान तो फर्श तो पर रखा जा सकता है पर खुद कहां बैठे उसे यह नहीं समझ में आता। अगर आगन्तुक के साथ कोई महिला, बच्चा, बूढ़ा या बीमार है तो उसकी मुश्किल उस वक्त और बढ़ जाती है कि उन्हें कहां बैठाये। दुर्भाग्य से गाड़ी अगर विलम्बित है तो समय चहलकदमी करते ही बीतेगा। जनपद मुख्यालय के इस स्टेशन में उपयुक्त प्रतीक्षालय तक नहीं है जो है उसमें केवल एक बेंच पड़ी है जिसमें आठ दस लोग बैठ सकते हैं।