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25 सित॰ 2016

डायट में बीटीसी प्रवेश की प्रक्रिया में आवेदकों द्वारा लगाए गए फर्जीवाड़े के आरोप की जांच को पहुंचे एसडीएम

FatehpurLive.com , फतेहपुर : बीटीसी प्रवेश 2015 की प्रक्रिया में आवेदकों द्वारा लगाए गए फर्जीवाड़े के आरोपों की जांच एसडीएम सिटी अभिनव रंजन श्रीवास्तव और एसडीएम वरुण पाण्डेय ने की। दो सदस्यीय टीम रविवार की सुबह जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पहुंचे। डायट प्रशासन से आवश्यक दस्तावेजों को तलब किया। घंटों अभिलेखों से आरोपों की मिलान करते रहे।


बताते चलें कि डायट में बीटीसी प्रशिक्षण के लिए 200 और 15 निजी कॉलेजों में प्रशिक्षण के लिए 800 आवेदकों की फाइनल सूची जारी की गई है। इसके पूर्व अनंतिम सूची जारी की गई थी, जिसमें दर्ज मेरिट फाइनल सूची में बढ़ गई है। 


आवेदकों का आरोप है कि इसके पीछे डायट ने सोची समझी रणनीति के तहत काम किया है, जिससे आवेदकों का नुकसान हुआ है। मूल अभिलेख और डिमांड ड्राफ्ट जमा होने के चलते यह आवेदक गैर जनपदों में काउंसि¨लग में प्रतिभाग नहीं कर पाए। एसडीएम सिटी ने बताया कि वह जांच के बारे में कुछ नहीं कहेंगे। जांच में जो रिपोर्ट तैयार होगी, वह डीएम के समक्ष रखेंगे।

19 मई 2010

फतेहपुर : हाई मेरिट वालों को ही मिलेगा बीटीसी में मौका

बीटीसी की ट्रेनिंग करके अध्यापक बनने का सपना देख रहे युवाओं के लिए यह खुशखबरी है। अपने ही जिले में ढाई सैकड़ा  हाई मेरिट वाले युवाओं को बीटीसी प्रशिक्षण का मौका मिलेगा। दो सौ युवाओं को जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट ) ,फतेहपुर में  दो वर्षीय प्रशिक्षण मिलेगा जबकि पचास युवाओं को प्रशिक्षण एक निजी शिक्षण संस्था में दिया जाएगा। हालांकि अभी तक निजी विद्यालय का नाम नहीं स्पष्ट हो पाया है, लेकिन शिवपुरी महाविद्यालय के नाम का कयास लगाया जा रहा है।



दो दिन पहले लखनऊ से जिले में 250 बीटीसी की रिक्तियां प्रकाशित होते ही युवाओं की धड़कन तेज हो गई है। बीटीसी में स्थान पाने के लिए युवा डायट के चक्कर लगाने लगे हैं। हालांकि अभी तक डायट के पास बीटीसी से संबंधित कोई भी आदेश लिखत-पढत  में नहीं आया है। डायट प्राचार्य कुमारी विमल वर्मा के अनुसार  19 मई को लखनऊ में बैठक बुलाई गई है..... हो सकता है बैठक में कोई दिशा निर्देश जारी हो जाएं। 

बीटीसी का प्रशिक्षण देने के लिए डायट के पास 200 अभ्यर्थियों की क्षमता है। जबकि रिक्तियां 250 घोषित हुई हैं। ऐसी हालत में साफ है कि जिले में किसी एक निजी विद्यालय को बीटीसी की कक्षाएं संचालित करने के लिए मान्यता मिली है।

जिले में पिछले कई सालों से बीटीसी का चयन नहीं हुआ है। वर्ष 2004 डायट ने बीटीसी चयन प्रक्रिया शुरू की थी, मामला न्यायालय में चले जाने के कारण चयन का काम अधर में अटक गया था। अभी हाल ही में न्यायालय का फैसला आने पर यह चयन पूरा हो पाया है।

डायट के चयन प्रक्रिया प्रभारी  का कहना है कि अभी तक ऊपर से बीटीसी चयन प्रक्रिया से संबंधित कोई दिशा निर्देश नहीं प्राप्त हुए हैं। डायट में प्रशिक्षण देने की क्षमता 200 प्रशिक्षणार्थियों की है। ऐसी हालत में साफ है कि किसी एक विद्यालय को प्रशिक्षण दिए जाने के लिए मान्यता मिल चुकी है। विद्यालय कौन सा है इस संबंध में अभी तक जानकारी नहीं है। 

पूरी जानकारी राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् उत्तर-प्रदेश की वेबसाईट पर उपलब्ध है | सम्बंधित आवेदन पत्र इस लिंक पर उपलब्ध है | आवेदन की अंतिम तिथि  ८ जून २०१० है |

24 जन॰ 2009

शिक्षक बनने की चाहत रखने वाले युवक व युवतियों के लिये यह साल सौगात लेकर आया

चार वर्ष बाद किसी के आवेदन खंगाले जायेंगे यह अभ्यर्थियों ने सोचा भी नहीं था। सरकार व न्यायालय के विवाद में वर्ष 2004 से उलझी इस प्रक्रिया की गुत्थी सुलझने के साथ ही शिक्षक बनने के लिये आवेदन किये अठारह हजार से अधिक स्नातक उत्तीर्ण अभ्यर्थियों में खुशी की लहर दौड़ गयी है। अलबत्ता यह जरूर है कि इसमें से बीस फीसदी से अधिक अभ्यर्थी या तो विशिष्ट बीटीसी करके शिक्षक बन गये हैं या फिर किसी दूसरी नौकरी को गले लगा लिये हैं। डायट में एक सौ छियानबे अभ्यर्थियों की मेरिट सूची जारी करने की तैयारियां युद्धस्तर पर शुरू हैं। अगले सप्ताह सूची जारी होने की संभावना है।

शिक्षक बनने की चाहत रखने वाले युवक व युवतियों के लिये यह साल सौगात लेकर आया है। डायट में इस समय वर्ष 2001, 2004, 2007 व 2008 की चयन प्रक्रिया के तहत दो हजार से अधिक अभ्यर्थियों को शिक्षक बनाने के लिये अलग-अलग कार्यवाही की जा रही है। एक साथ बोझा हो जाने से डायट के अधिकारी व कर्मचारी भी उलझे हुए हैं। वर्ष 2004 की विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया में अठारह हजार दो सौ एक आवेदन हैं। दो सौ अभ्यर्थियों के चयन में चार अनुसूचित जनजाति का कोटा जिले में रिक्त कर दिया गया है ऐसे में एक सौ छियानबे की चयन प्रक्रिया की जा रही है। बताते हैं कि पिछली बार तय की गयी मेरिट पर ही इस बार नई चयन सूची जारी की जायेगी, लेकिन इसके पहले सभी अठारह हजार आवेदनों का वर्ग स्तर पर विभाजन कर लिया गया है और सभी का सत्यापन कराया जा रहा है।

डायट प्राचार्या विमल वर्मा ने यह स्वीकार किया कि 2004 की चयन प्रक्रिया का काम काफी हद तक पूरा हो गया है। अगले सप्ताह मेरिट सूची जारी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि डायट में वर्ष 2001 में बीटीसी का प्रशिक्षण ले चुके अभ्यर्थियों की पुन: परीक्षा कराने के लिये प्रवेश पत्र जारी किये जा रहे हैं। 2008 की चयन प्रक्रिया में चार सौ अट्ठाइस पदों के लिये आवेदन मांगे जा रहे हैं। बैकलाग के लगभग दो सौ पदों के लिये पहले ही आवेदन प्राप्त कर लिये गये हैं उनकी भी मेरिट सूची तैयार की जा रही है। बैकलाग में अनुसूचित जाति के एक सौ पैंसठ, अनुसूचित जनजाति के तेंतीस, पिछड़ी जाति के अड़तालीस पद सृजित हैं। वर्ष 2007 में एक हजार तीन सौ अरसठ पदों के लिये की गयी चयन प्रक्रिया में अब तक एक हजार एक सौ इकतीस अभ्यर्थियों का विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण के लिये चयन किया गया है इस तरह से 2007 की चयन प्रक्रिया के लगभग दो सौ पद अब भी रिक्त हैं। शासन ने इस चयन पर अब रोक लगाते हुए कहा है कि जो पद शेष रह गये हैं उन्हें 2008 की चयन प्रकिया में समायोजित कर दिया जाये। विशिष्ट बीटीसी के लगभग छ: सौ अभ्यर्थियों का इस समय फेरेवार प्रशिक्षण भी शुरू हो गया है। एक तरफ प्रशिक्षण और दूसरी तरफ एक नहीं तीन-तीन चयन प्रक्रिया की मेरिट तैयार करने से डायट में अफरातफरी का माहौल है। जिम्मेदारी को लेकर कर्मचारियों में ही उठापटक चल रही है।

एक हजार शिक्षक अब भी कम

बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया में दो हजार से अधिक पद भरने की चल रही कार्यवाही के बाद भी परिषदीय स्कूलों में एक हजार शिक्षकों के पद रिक्त रहेंगे। यह भर्ती वर्ष 2004 में रिक्त पदों के सापेक्ष हो रही है। चार वर्षो के दौरान नये स्कूल खुलने के साथ ही सेवानिवृत्त हुए शिक्षकों की संख्या इतनी अधिक हो गयी कि दो हजार पद भरने के बाद भी तकरीबन एक हजार स्थान खाली रहेंगे।