24 जन॰ 2009

जो रक्त कणों से लिखी हुई, जिसकी जयहिन्द निशानी है!!!

 

प्यारा सुभाष, नेता सुभाष भारत भू का उजियारा था, पैदा होते ही गणकों ने उनका भविष्य लिख डाला था।


नेताजी सुभाष चंद्र बोस सर्व कालिक नेता थे जिनकी जरूरत कल थी,आज है और आने वाले कल में भी होगी। वह ऐसे वीर सैनिक थे इतिहास जिनकी गाथा गाता रहेगा। उनके विचार, कर्म और आदर्श अपना कर राष्ट्र वह सब कुछ हासिल कर सकता है जिसका हकदार है। स्वतंत्रता समर के अमर सेनानी, मां भारती के सच्चे सपूत नेताजी का 112 वां जन्म दिवस फतेहपुर जनपद वासियों ने इन्हीं गर्वीली भाव भावनाओं के साथ धूमधाम से मनाया।

नेताजी के जन्म दिवस पर जगह जगह लोंगों ने कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें तरह तरह से अपने भाव सुमन अर्पित किये। कार्यक्रमों के क्रम में अखिल भारत हिन्दू महासभा के सैकड़ों कार्यकर्ता केशरिया बाना धारण कर नेताजी अमर रहें के नारे लगाते हुये सुभाष चौराहा पत्थरकटा पहुचे और नेताजी की प्रतिमा में माल्यार्पण किया। इसके बाद सभी जुलूस की रूप में सदर अस्पताल पंहुचे जहां पर मुख्य चिकित्साधिकारी के साथ विभिन्न वार्डो में जाकर मरीजों को फल वितरण किया।

सभा को संबोधित करते हुये कहा गया कि तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा का नारा बुलंद करने वाले सुभाष जी के अंदर देश भक्ति की भावना बचपन से ही थी। वह सच्चे स्वाभिमानी थे जिन्होंने आइसीएस जैसी प्रतिष्ठापूर्ण सेवा सिर्फ इसलिये छोड़ दी थी क्योंकि इससे विदेशी सरकार की नौकरी करनी होती। सदैव सैनिक के वेष में दिखने वाले नेताजी से आज के युवाओं को सीखना चाहिये कि संकल्प से सब कुछ साधा जा सकता है।

नेताजी भारत माता के ऐसे लाल थे जिन्होने आजादी की लड़ाई अपने अंदाज में लड़ी। आज भी देश को उन जैसे नेता की जरूरत है। इसके बाद शिवसैनिकों ने आतंकवाद मुर्दाबाद, पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाते हुये नगर में भ्रमण किया।

सुभाष के जन्म दिवस पर एक समारोह का आयोजन कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति ने शिक्षक भवन में किया जिसमें सर्वधर्म प्रार्थना सभा के साथ विचार सम्मेलन व कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ । जिसमें कहा गया कि नेताजी वास्तविक जननायक थे जिनके नेतृत्व की देश को आजादी के बाद जरूरत थी जो कि दुर्भाग्य से नहीं मिल सका। समारोह में पूर्व शिक्षक विधायक लवकुश मिश्र, शिक्षाविद् श्री कृष्ण कुमार त्रिवेदी, रामजन्म प्रसाद यादव, नाजिर हुसैन, महेश त्रिपाठी, उमा श्रीवास्तव, करुणा शंकर मिश्र, आदि रहे।


अखिल भारतीय कायस्थ महासभा एवं अखिल भारतीय कायस्थ चेतना मंच के संयुक्त तत्वाधान में प्रतिवर्ष की तरह सुभाष चौराहे पर नेता जी की जयंती मनायी गयी। कहा गया कि नेता जी के पदचिन्हों पर चल कर ही देश सेवा करते हुए जीवन सफल बनाया जा सकता है। कहा गया कि नौजवानों को उस महान क्रांतिकारी से शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए। जिला कांग्रेस सोशल आडिट टीम ने नेता जी की जयंती को धूमधाम से मनाया। इस मौके पर वक्ताओं ने उनके व्यक्ति और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वह सही अर्थो में सच्चे देश भक्त और वास्तविक क्रांतिकारी थे। जिनसे आज की युवा पीढ़ी बहुत कुछ सीख सकती है।

2 टिप्‍पणियां:
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  1. इस महान सेनानी को शत शत प्रणाम और आपको भ ब्अधाई और धन्य्वाद जो ऐसे वीरों को याद कर लोगों के मन मे जिन्दा रखते हैं

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  2. वह सच्चे स्वाभिमानी थे जिन्होंने आइसीएस जैसी प्रतिष्ठापूर्ण सेवा सिर्फ इसलिये छोड़ दी थी क्योंकि इससे विदेशी सरकार की नौकरी करनी होती।
    ओर आज हम ने अपने सर पर एक विदेशी को ही बिठा रखा है....
    इन शहीदो ने शहीदी दे कर आजादी हासिल की ओर .... यह काग्रेस मुफ़त मे गाधीं का लाभ उठा कर हमे फ़िर से गुलामी की ओर लेगई,
    नेता जी को शत शत प्रणाम

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