17 नव॰ 2008

मिड डे मील योजना का संचालन जनप्रतिनिधियों से छीनने का निर्णय

 

बेसिक शिक्षा विभाग ने नगर क्षेत्र में मिड डे मील योजना का संचालन जनप्रतिनिधियों से छीनने का निर्णय लिया है। अगले महीने से शहर के कुल 40 प्राइमरी स्कूलों के 3402 बच्चों को स्वयं सेवी संस्थाएं भोजन का वितरण करेंगी। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं। जिलाधिकारी सौरभ बाबू के आदेश पर बेसिक शिक्षा विभाग ने आवेदन मांगा हैं, 38 संस्थाओं ने आवेदन किया है। इन संस्थाओं में बहुतायत गैर जिलों से संबंध रखती हैं।मालूम हो कि नगर पालिका परिषद क्षेत्र में कुल 40 शिक्षण संस्थाओं में मिडडे मील योजना के तहत दोपहर का भोजन वितरित करने की व्यवस्था है। इनमें 9 वैकल्पिक शिक्षा केंद्र और शेष प्राइमरी स्कूल हैं। इन सभी में 3402 बच्चों को भोजन परोसने की जिम्मेदारी सभासदों को दी गई, जिसके लिए 100 ग्राम प्रति बच्चे के हिसाब से खाद्यान्न और दो रुपए कनवर्जन कास्ट दिया जाता है। इसके बावजूद अधिकांश विद्यालयों में भोजन का वितरण पूरी तरह से अभिलेखों तक सीमित है।
ऐसी हालत में बेसिक शिक्षा विभाग ने सभी विद्यालयों में भोजन वितरण कराने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं को जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय लिया। इसके लिए सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गईं हैं। मिडडे मील योजना का क्रियान्वयन करने के लिए कुल 38 स्वयं सेवी संस्थाओं ने आवेदन किया है। एक बार सभी पत्रावलियां डीएम के समक्ष पेश की गईं हैं, लेकिन इनमें अनुभव प्रमाण पत्र न होने के कारण उन्होंने वापस कर दिया था। अगले हफ्ते सभी पत्रावलियां अनुभव प्रमाण पत्र के साथ डीएम के समक्ष पेश की जाएंगी। ऐसी हालत में साफ है कि अगले सप्ताह किसी संस्था को यह जिम्मेदारी सौंप दी जाएगी।
बेसिक शिक्षा अधिकारी राजकुमार पंडित का कहना है कि किसी भी योजना का क्रियान्वयन जिलाधिकारी के दिशा निर्देश पर कराया जाता है। मिडडे मील योजना के क्रियान्वयन में गड़बड़ी को देखते हुए डीएम ने यह जिम्मेदारी स्वयं सेवी संस्थाओं को सौंपने का निर्णय लिया है। इसके लिए सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। संबंधित पत्रावलियां तैयार हैं। जल्द ही पत्रावलियां अधिकारी के समक्ष पेश कर दी जाएंगी।

( समाचार साभार - अमर उजाला )

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